वाटिकन सिटीः अपनी जड़ो पर टिकी रहकर यूरोप की एकता मज़बूत होगी, बेनेडिक्ट 16 वें
वाटिकन सिटी, 24 मई सन् 2011 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सोमवार को वाटिकन
में बुल्गारिया एवं मैसोडोनिया के प्रतिनिधिमण्डलों का स्वागत करते हुए कहा कि यदि यूरोप
अपनी ख्रीस्तीय जड़ों के प्रति निष्ठावान रहेगा तो उसकी एकता मज़बूत होगी।
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मई को मनाये जानेवाले यूरोप के संरक्षक सन्तों सन्त सिरिल एवं सन्त मथोदियुस के पर्व
के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष बुल्गारिया एवं मैसोडोनिया के प्रतिनिधिमण्डल रोम की तीर्थयात्रा
कर कलीसिया के परमाध्यक्ष का साक्षात्कार करते हैं।
उक्त देशों के प्रतिनिधिमण्डलों
को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहा, "यूरोप के महान सन्त सिरिल एवं सन्त मैथोदियुस हमें
स्मरण दिलाते हैं कि अपनी ख्रीस्तीय जड़ों पर आधारित रह कर यूरोप की एकता और अधिक सुदृढ़
हो सकती है।" उन्होंने कहा, "वस्तुतः, यूरोप के जटिल इतिहास में ख्रीस्तीय धर्म एक केन्द्रीय
एवं निर्णायक तत्व है। ख्रीस्तीय विश्वास ने इस प्राचीन महाद्वीप की संस्कृति को गढ़ा
है और वह उसके इतिहास के साथ अविच्छेद्य रूप से जुड़ा है।"
सन्त पापा ने यूरोप
के लिये आध्यात्मिकता में विकसित होना अनिवार्य बताया और कहा कि यूरोप के निवासियों
से अपेक्षा की जाती है कि वे देशों के बीच प्रभावात्मक सहयोग को प्रोत्साहित करें। उन्होंने
कहा कि नये यूरोप के निर्माण के लिये केवल आर्थिक लाभ पर ध्यान केन्द्रित करना ही पर्याप्त
नहीं है अपितु इसके लिये उन यथार्थ मूल्यों की ओर जाना होगा जिनकी नींव सार्वभौमिक नैतिक
विधान पर टिकी है तथा प्रत्येक मनुष्य के हृदय पर अंकित है।