2011-05-12 16:48:02

गोआ का बोम जीसस बासिलिका अग्निकाँड को आमंत्रित कर रहा है


भारत के गोवा राज्य में स्थित विश्वविख्यात बोम जीसु बासिलिका में संत फ्रांसिस जेवियर के अवशेष को रखा गया है। प्रतिदिन लगभग 10 हजार तीर्थयात्री और पर्यटक इसे देखने आते हैं। एक कलीसियाई अधिकारी के अनुसार अधिकारियों की लापरवाही और उपेक्षा के कारण यह बासिलिका अगिनकांड को आमंत्रित कर रहा है। बालिसिका के रेक्टर फादर सावियो बारेतो ने बुधवार को कहा कि वासिलिका की देखरेख और रखरखाव का प्रबंध करनेवाले अधिकारियों के उपेक्षात्मक रवैये के कारण 17 वीं सदी में निर्मित यह बासिलिका संभावित फायर बम होगा।

यह गिरजाघर यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट अर्थात मानवता की धरोहर की सूची में शामिल है तथा भारत का प्रथम माइनर बासिलिका है। इसे भारत में निर्मित बारोक स्थापत्य शैली का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। बासिलिका के रखऱखाव का प्रबंधन आरकियोलोजिकल सर्वे औफ इंडिया अर्थात भारतीय पुरातत्व विज्ञान द्वारा किया जाना है।

फादर बारेतो ने कहा कि बासिलिका में बहुत बार शार्ट सर्किट की घटनाएँ नियमित अंतराल में होती रही हैं लेकिन विद्युत तारों को बदलने के लिए पिछले 5 या 6 सालों से बारम्बार किये गये अनुरोधों की अधिकारियों ने उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि बासिलिका का काफी भाग लकड़ी निर्मित है। यह समझना मुश्किल है कि विश्व समुदाय की धरोहर को इस प्रकार की स्थिति में छोड़ जा सकता है।








All the contents on this site are copyrighted ©.