काथलिक यहूदी संवाद में संलग्न समिति के सदस्यों के लिए संत पापा का संदेश
बनाई ब्रिथ इंटरनेशनल के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरूवार को संत पापा बेनेडिक्ट
16 वें का साक्षात्कार कर उनका संदेश सुना। संत पापा ने इसी संगठन के सदस्यों के साथ
5 वर्षों पूर्व हुई मुलाकात का सहर्ष स्मरण करते हुए सबका अभिवादन किया। उन्होंने काथलिक-यहूदी
संवाद के कार्य में संलग्न इस संगठन के कार्यों की सराहना करते हुए इंटरनेशनल काथलिक
जेविश लाईसन कमिटी की फरवरी माह में पेरिस में सम्पन्न बैठक का स्मरण किया। यह बैठक संवाद
की 40 वीं वर्षगाँठ पर यहूदियों के साथ संबंध के लिए गठित वाटिकन की समिति तथा इंटरनेशनल
जेविश कमिटी ओन इंटररेलिजियस कंसल्टेशन के द्वारा किया गया था।
संत पापा ने कहा
कि विगत 40 वर्षों में मिली उपलब्धियों को ईश्वर का महान उपहार के रूप में देखते हुए
ईश्वर के प्रति कृतज्ञ हों। पेरिस में सम्पन्न बैठक में यहूदियों और काथलिकों द्वारा
एक साथ सहयोग करने की इच्छा की पुष्टि करते हुए तेजी से बदल रहे विश्व के सामने प्रस्तुत
विभिन्न चुनौतियों गरीबी, अन्याय, भेदभाव और मानवाधिकारों के हनन का सामना करने के लिए
साझा धार्मिक कर्त्तव्य पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे विचार तुरंत निर्धनों और जरूरतमंदो
के प्रति परोपकार, सेवा और उदारता के व्यावहारिक कार्यों को करने की ओर जाते हैं लेकिन
यह दृढ मान्यता आधार है कि हर प्राणी ईश्वर के प्रतिरूप में सृष्ट है और उसके मानवाधिकार
की रक्षा और प्रसार करनी चाहिए।
येरूसालेम में मार्च माह में सम्पन्न बैठक का
संदर्भ देते हुए संत पापा ने कहा कि उक्त बैठक में बल दिया गया कि वर्तमान समाज में धर्म
की भूमिका की गहन समझ का प्रसार करने की जरूरत है। हर विश्वासी का जीवन और काम पारलौकिक
सत्य का सतत साक्ष्य दे, अदृश्य यथार्थ की ओर इंगित करे तथा इस दृढ.धारणा को साकार करे
कि कठिनाईयों और बाधाओं के बावजूद प्रेमी, दयालु ईश्वर इतिहास के अंतिम परिणाम को निर्देशित
करते हैं।