पाकिस्तान, एब्बोटाबाद, 4 मई सन् 2011 (ऊका): पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्र स्थित एब्बोटाबाद
में अमरीकी सेना द्वारा, दो मई को, आतंकवादी ओज़ामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद एब्बोटाबाद
के छोटे से काथलिक समुदाय ने अपनी अनेक गतिविधियों को रोक दिया है।
एब्बोटाबाद
गिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर अकरम जावेद गिल ने ऊका समाचार को मंगलवार को बताया कि
शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जाने के उपरान्त वे सोमवार के लिये पहले से तय परिवारों
की प्रेरितिक भेंट नहीं कर सके। उन्होंने यह भी बताया कि मंगलवार की सन्ध्या गिरजाघर
में चंगाई प्रार्थना का आयोजन था उसे भी रद्द कर दिया गया।
फादर अकरम जावेद गिल
सन् 2007 से एब्बोटाबाद में सैन्ट पीटर कानिसियुस काथलिक गिरजाघर के पल्ली पुरोहित हैं,
जहाँ लगभग 150 काथलिक परिवार निवास करते हैं। फादर अकरम सैन्ट पीटर्स हाईस्कूल के भी
प्रबन्धक हैं जिसके अधिकांश छात्र मुसलमान धर्मानुयायी हैं।
एब्बोटाबाद के हज़ारा
डिविज़न के ख्रीस्तीय गिरजाघर संगठन ने क्षेत्र में भावी गतिविधियों पर बातचीत हेतु ख्रीस्तीयों
की एक संयुक्त बैठक बुलाई है। उक्त संगठन में काथलिक, प्रॉटेस्टेण्ट एवं तीन अन्य ख्रीस्तीय
सम्प्रदायों के ईसाई शामिल हैं।
फादर जावेद ने कहा कि इस समय क्षेत्र के अल्पसंख्यकों
को सुरक्षा एवं शांति प्रदान करना सबसे अहं काम है। उन्होंने कहा कि शहर में सर्वत्र
तनाव बना हुआ है इसलिये हर कार्य को करने में सूझबूझ की ज़रूरत है।
फादर अकरम
ने ऊका समाचार को बताया कि शहर में सेना की उपस्थिति के कारण उन्हें कई कठिनाईयों का
सामना करना पड़ता है जैसा कि सन् 2009 में, मुसलमानों द्वारा दीवार के बाहर से दिखनेवाली
मरियम की गुफा का विरोध करने के बाद, गिरजाघर परिसर की दीवार को और अधिक ऊँचा करना पड़ा
था। इसी प्रकार विगत वर्ष अधिकारियों ने मरियम भक्ति के लिये छपी परचियों को जला डालने
का आदेश दिया था।