2011-04-25 20:27:59

दो ईसाई भाइयों के हत्यारे को मौत की सज़ा


फैसलाबाद, 25 अप्रैल, 2011 (एशियान्यूज़) पाकिस्तान के फैसलाबाद के आतंकवादी विरोधी अदालत ने मकसूद अहमद को दो ईसाई भाइयों की गोली मार कर हत्या के लिये दोषी करार दिया और उसे मौत की सजा सुनायी है।

विदित हो कि सन् 2010 में दो सगे ईसाई भाइयों - राशीद और साज़ीद मसीह एम्मानुएल को पाकिस्तान के " काले ईशनिन्दा कानून " के तहत् गिरफ़्तार किया गया था।

घटना के अनुसार 19 जुलाई सन् 2010 को जब दोनों भाई एक स्थानीय अदालत में पेशी के बाद बाहर निकले तो उन्हें गोली मार दी गयी थी। इस हमले में दोनों भाइयों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी और एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ था।

फैसलाबाद के जज राजा मुहम्मद अरशद ने सजा सुनाते हुए मकसूद अहमद पर 47 हज़ार डॉलर का जुर्माना और पुलिस अधीक्षक पर गोली चलाने के लिये 6 हज़ार का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है।

पाकिस्तान के ईसाई समुदाय ने अदालत के इसे फैसले का स्वागत किया है। लोगों ने कहा है कि ईशनिन्दा कानून के मामले गिरफ़्तार निर्दोष ईसाइयों की हत्या करने वाले वाले दोषी को पहली बार सजा सुनायी गयी है।

अदालत के अनुसार उन दोनों की रिहाई की प्रबल संभावना थी क्योंकि अदालत ने उन्हें ईशनिन्दा कानून के तहत् दोषी नहीं पाया था। छानबीन करने वाली पुलिस ने मकसूद अहमद को दो दोनों भाइयों की हत्या के लिये पूर्ण रूप से ज़िम्मेदार पाया था।

विदित हो कि इस न्याय की प्रक्रिया में सेंटर फॉर द लीगल एड एसिस्टेंस एंड सेटलमेंट (सी. एल. ए. एस. एस.) नामक संस्था ने बारीकी से निरीक्षण किया था।

इस मामले की प्रथम सुनवाई 6 सितंबर 2010 को हुई थी। क्लास नामक इस संस्था ने अदालत के अदालत के इस फैसला का स्वागत किया है और अपनी संतुष्टि व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि अगर ईशनिन्दा कानून के तहत् आनेवाले सभी मामलों की बारीकी से छानबीन की जाये तो अधिकतर मामले निराधार पाये जायेंगे।


















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