"अच्छे चीनी नागरिक और अच्छे काथलिकों में विरोधाभाष नहीं" - वाटिकन प्रवक्ता
वाटिकन सिटी, 18 अप्रैल, 2011 (ज़ेनित) वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोमबारदी
ने कहा है कि " देशभक्त चीनी नागरिक अच्छे काथलिक नहीं हो सकते हैं का तर्क देना ग़लत
है। " फादर लोमबारदी ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने चीन के लिये बने वाटिकन
आयोग की चौथी प्लेनरी असेम्बली में चीन की कलीसिया को अपने संदेश दिये। विदित हो कि
विगतसप्ताह वाटिकन में सोमवार से बुधवार तक एक सभा का आयोजन किया गया था जिसमें चीन
की कलीसिया को 11 सूत्रीय संदेश दिया गया। वाटिकन प्रवक्ता ने कहा कि " इस बात पर
किसी को कोई संदेह नहीं है कि विगत कुछ महीने चीनी काथलिक कलीसिया का जीवन चुनौतीपूर्ण
रहा है।" फादर लोमबारदी ने कहा कि इन सब बातोंके कारण चीनी कलीसिया ने तनावपूर्ण
एवं भटकाव की स्थिति का सामना किया है। ऐसे समय में वाटिकन के लिये बने चीनी आयोग
ने काथलिक कलीसिया के सिद्धांतों के आधार पर कुछ महत्त्वपूर्ण बातों पर अपने विचार बारीकी
से व्यक्त किये हैं।" चीनी आयोग ने इस बात की भी पुष्टि की है कि चीन के राज्यों
द्वारा काथलिक कलीसिया को दिये गये निर्दश अस्वीकार्य है। वक्तव्य में इस बात का
भी भय अभिव्यक्त किया है कि चीन में संत पापा की अनुमति बिना कई नये धर्माध्यक्ष बनाये
जा सकते हैं।" फादर लोमबारदी ने कहा कि " विभिन्न चुनौतियों और परेशानियों के बावजूद
वाटिकन के संदेश में ईमानदारीपूर्ण समीपता है जो लोगों को कलीसायाई आध्यात्मिक अनुभवों
में प्रार्थनामय जीवन के साथ बढ़ने की प्रेरित करते हैं। " वाटिकन प्रवक्ता ने कहा
कि वे चाहते हैं कि इसी व्यावहारिक दृष्टिकोण से चीन की कलीसियाई समस्याओं का समाधान
किया जाना चाहिये विशेषकर के धर्माध्यक्षों की नियुक्ति के संबंध में। इसके लिये चीनी
अधिकारियों के साथ ईमानदारी और आदरपूर्ण वार्ता अत्यंत महत्त्वपूर्ण होगी। " वाटिकन
का मानना है कि इससे लोगों के सौहार्दपूर्ण और सार्वजनिक हित के लिये जीने की इच्छा की
पूर्ति संभव हो पायेगी। फादर लोमबारदी ने कहा कि " वाटिकन अपनी ओर से वार्ता के लिये
तैयार है और चाहती है कि दूसरा पक्ष भी अपनी उत्सुकता दिखलाये।" फादर लोमबारदी ने
बताया कि दो बातें मह्त्वपूर्ण हैं जिस पर संत पापा बल देते हैं कि प्रार्थना द्वारा
चीनी कलीसिया की एकता को सुदृढ़ करना तो दूसरा सार्वभौमिक कलीसिया के साथ अपना एकात्मकता
दिखलाना। वाटिकन प्रवक्ता ने इस बात की आशा व्यक्त किया शु ग्वानजी का जीवन काथलिकों
और ग़ैर काथलिकों को इस बात को जानने के लिये मदद देगी कि चीनी और काथलिक होने नें कोई
विरोधाभास नहीं है। "