काहिराः इस्लामी पार्टियों के उदय से ख्रीस्तीय मिस्र से पलायन के लिये बाध्य
काहिरा, 13 अप्रैल सन् 2011 (एशिया न्यूज़): मिस्र की क्रान्ति में इस्लामी पार्टियों
के उदय तथा राजधानी काहिरा के बाहरी क्षेत्रों में शरीयत लागू किये जाने के भय से अनेक
ख्रीस्तीय धर्मानुयायी मिस्र से पलायन हेतु बाध्य हो रहे हैं।
मिस्र में मानवाधिकार
संघ के अनुसार प्रति सप्ताह कम से कम 70 ख्रीस्तीय धर्मानुयायी देश छोड़ने के बारे में
सूचना मांग रहे हैं।
उत्तरी अप्रीका एवं मध्य पूर्व के देशों में कुछ माहों से
आरम्भ जन आन्दोलनों, हिंसा एवं युद्ध के सन्दर्भ में वाटिकन में 30 एवं 31 मार्च को सम्पन्न
मध्यपूर्व पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में भी विचार विमर्श हुआ था। इसमें कहा गया था कि
अनिश्चित सामाजिक और राजनीतिक स्थिति, हिंसा, रोजगार की कमी, धार्मिक स्वतंत्रता पर पाबन्दियाँ
तथा लोकतंत्र की गौण भूमिका की वजह से ख्रीस्तीय धर्मानुयायी पलायन के लिये बाध्य हो
रहे हैं।
इस सिलसिले में मिस्र में काथलिक कलीसिया के प्रवक्ता फादर रफ़ीक ग्राईख़
ने एशिया समाचार को बताया कि मिस्र में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की स्थिति पहले से कहीं
अधिक कमज़ोर हो गई है क्योंकि क्रान्ति के उपरान्त कई कट्टरपंथी समूह जैसे मुस्लिम ब्रदरहुड,
इस्लामिक जिहाद मूवमेंट तथा सलाफीस उभर रहे हैं जो शरियत कानून लागू कर रहे हैं। उन्होंने
कहा कि भविष्य की अनिश्चित्तता के भयवश सैकड़ों ख्रीस्तीय धर्मानुयायी अन्यत्र पलायन
एवं आप्रवास का प्रयास कर रहे हैं।