वाटिकन सिटी, 4 अप्रैल, 2011(ज़ेनित) दुनिया में विभिन्न संघर्षों के कारण जो खून-ख़राबे
हो रहे हैं वे येसु के रक्त की याद कराते हैं जिसे उन्होंने दुनिया के लिये बहाया। वाटिकन
प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबार्दी ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने वाटिकन
टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम " ऑक्तावा दियेस " में हाल में हो रहे हिंसा के बारे
में अपने विचार व्यक्त किये। संत पापा की किताब " ज़ीजस ऑफ नाज़रेथ - द्वितीय भाग
" का हवाला देते हुए फादर लोमबार्दी ने कहा कि येसु का रक्त किसी के विरुद्ध में नहीं
पर हम सबों के बहाया गया। उन्होंने कहा कि " हमारी शुद्धता के लिये हमें प्रेम की
शक्ति चाहिये और येसु का रक्त हमें वह शक्ति प्रदना करता है। येसु का रक्त अभिशाप
नही, अपितु मुक्ति है।" फादर लोमबारदी ने कहा कि संत पापा की किताब जिसमें येसु के रक्त
के बारे में चर्चा की गयी है उससे लोग अत्यधिक प्रभावित हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि संत
पापा ने बाइबल के उन अनुवादों का खंडन किया है जो यहूदी जाति को सजा देने की बातें करते
हैं उसका ।" संत पापा की वे बातें आज हम मन में फिर से ताज़ा हो जातीं हैं जब हम
देखते हैं कि आइवरी कोस्ट लीबिया और दुनिया के कई अन्य देशों में खून बहाये जा रहे हैं। जेस्विट
प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रकार के संघर्ष इस बात की ओर इंगित करते हैं कि वहाँ की जनता
शायद ‘मानव और सिविल समुदाय’ के रूप में जीना चाहती है।" पर वास्तव में इससे एक-दूसरे
के प्रति घृणा का भाव उत्पन्न होता है। जब ईसाई यह देखते हैं कि चारों ओर खून बहाया
जा रहा है तो वे येसु द्वारा चढ़ाये गये बलिदान की याद करते हैं। ईश्वर हमारे निकट है
और हमारा साथ दे रहे हैं। इस संघर्ष में जो जानें जा रहीं हैं उससे सिर्फ़ मानवता
के दुश्मन ही प्रसन्न हो सकते हैं। ऐसे समय में भी ईश्वर हमें प्रेम करना जारी रखते हैं
और हमारी मुक्ति की कामना करते हैं।" उन्होंने कहा कि शांति के लिये प्रयासरत लोगों
के लिये क्रूस और पुनरुत्थान की यात्रा चुनौतीपूर्ण है। "