2011-04-01 17:38:16


यहूदियों के साथ धार्मिक संबंध वाले द्विपक्षीय आयोग का संयुक्त वक्तव्य


(येरूसालेम 1 अप्रैल सेदोक) इस्राएल के प्रमुख रब्बी मुख्यालय के प्रतिनिधियों तथा यहूदियों के साथ धार्मिक संबंध के होली सी के कमीशन के सदस्यों वाली द्विपक्षीय आयोग की दसवीं बैठक येरूसालेम में 29 से 31 मार्च तक सम्पन्न हुई। स बैठक में धर्मनिरपेक्ष समाज में धार्मिक नेतृत्व तथा विश्वास की चुनौतियों पर विचार विमर्श किया गया। द्विपक्षीय समिति के सह अध्यक्ष मुख्य रब्बी शियर यासुव कोहेन ने प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा इन बैठकों की एतिहासिक प्रकृति और महत्व की पुष्टि की।

विचार विमर्श के दौरान आधुनिक धर्मनिरपेक्ष समाज के सामने प्रस्तुत चुनौतियों को परिभाषित करने का प्रयास किया गया। अनेक लाभ होने के साथ ही तीव्र तकनीकि विकास, घोर उपभोक्तावाद तथा विचारधारा जिसमें सामुदायिक और सामूहिक कल्याण के बदले में व्यक्तिवाद पर अत्यधिक ध्यान दिये जाने से नैतिक संकट उत्पन्न हुआ है।स्वतंत्रता के अनेक लाभ सहित विगत सदी में बहुत अधिक हिंसा और बर्बरता की घटनाएँ हुई हैं। इन वास्तविकताओं का प्रत्युत्तर देने के लिए धर्म और धार्मिक नेतृत्व की बहुत भूमिका है कि वे दिव्य उपस्थिति और सबलोगों में दिव्य प्रतिरूप को देखने की जागरूकता से आशा और नैतिक मार्गदर्शन उपलब्ध करायें। हमारी परम्पराओं में प्रार्थना के महत्व की घोषणा की गयी है- दिव्य उपस्थिति के प्रति जागरूकता की अभिव्यक्ति तथा इस जागरूकता की पुष्टि करने का नैतिक आदेश।

वक्तव्य में कहा गया है कि विश्वासियों का उत्तरदायित्व है कि वे अतीत में हुई विफलता को स्वीकार करते हुए दुनिया में दिव्य उपस्थिति का साक्ष्य दें। इस प्रकार का साक्ष्य शिक्षा में तथा युवाओं और मीडिया का प्रभावकारी तरीके से प्रबंध करने में दिखाई दे। न्याय और शांति के लिए धार्मिक समर्पण हेतु धार्मिक नेताओं तथा नागरिक विधान के संस्थानों के मध्य काम करने की जरूरत होती है।

समसामयिक मुददों पर धार्मिक नेतृत्व के संबंध पर विचार विमर्श से लागू होनेवाली बातों के परिणाम स्वरूप द्विपक्षीय समिति ने आशा व्यक्त की कि होली सी तथा इस्राएल के मध्य जिन मुददों पर समझौता के लिए विचार विमर्श होते रहे हैं वे शीघ्र सुलझा लिये जायेंगे और संधि पर हस्ताक्षर किये जा सकेंगे ताकि दोनों समुदायों के लिए लाभ हो।








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