2011-03-31 18:04:53

बौद्धों के वैसाख पर्व पर अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति का संदेश


(वाटिकन सिटी 31 मार्च सेदोक) अंतरधार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल ज्यां लुई तोरान और सचिव महाधर्माध्यक्ष पियेर लुईजी चेलाता ने बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्मदिवस पर मनाये जानेवाले वैसाख पर्व को देखते हुए बौद्ध धर्मानुयायियों को पर्व की शुभकामनाएँ दी हैं। " सीकिंग ट्रूथ इन फ्रीडम-क्रिश्चियन्स एंड बुद्धिस्ट लिभ इन पीस " शीर्षक से जारी संदेश में दोनों धर्माधिकारियों ने बौद्ध धर्मानुयायियों को शुभकामनाएँ देते हुए यह कामना की है कि यह पर्व सम्पूर्ण विश्व के बौद्धों के लिए शांति और आनन्द लाये।

उक्त परमधर्मपीठीय समिति के अधिकारियों द्वारा संदेश में कहा गया है हमारे समुदायों के मध्य संबंधो को मजबूत बनाने की वे आशा करते हुए अतीत के समान ही परस्पर मित्रता के प्रकाश में अपने दृढ़ मंतव्यों को बाँटना चाहते हैं। उनके विचार शांति, सत्य और स्वतंत्रता के मध्य संबंध पर जाते हैं। यथार्थ शांति के लिए सत्य की खोज करने के प्रति समर्पण एक जरूरी स्थिति है। सबलोगों का स्वाभाविक दायित्व है कि सत्य की खोज करें, इसका अनुसरण करें तथा अपने जीवन को इसके अनुरूप जीयें। सत्य के लिए मानव के प्रयास विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को फलदायक अवसर अर्पित करते हैं कि वे गहराई से एक दूसरे का साक्षात्कार करें और एक दूसरे की विशेषताओं की सराहना करने में बढ़े।

संदेश में कहा गया है कि आज के विश्व में जहाँ धर्म के प्रति उदासीनता के रूप तथा कटटरपंथ सच्ची स्वतंत्रता तथा आध्यात्मिक मूल्यों के विरोध में हैं, अंतर धार्मिक वार्ता वैकल्पिक उपाय हो सकता है जहाँ हम सब लोगों के कल्याण हेतु मिलकर काम करने तथा शांतिमय जीवन जीने के लिए स्वर्णिम मार्ग पाते हैं।

संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा है कलीसिया के लिए, विभिन्न धर्मों के मध्य वार्ता सामान्य हित हेतु विभिन्न धार्मिक समुदायों को सहयोग करने के लिए महत्वपूर्ण माध्यम का प्रतिनिधित्व करती है। इस प्रकार की वार्ता अंतःकरण तथा आराधना करने की स्वतंत्रता संबंधी मौलिक मानवाधिकारों के प्रति सम्मान के लिए सशक्त संवेग है।

संदेश में कहा गया है कि जहाँ भी सत्य और अच्छा है उसकी ईमानदार खोज में धार्मिक स्वतंत्रता को असरकारी रूप से स्वीकार किया जाता है, मानव की प्रतिष्ठा को इसके मूल में सम्मान दिया जाता है वहाँ नैतिकता तथा नागरिक संस्थाएँ मजबूत होती हैं, न्याय और शांति की दृढ़तापूर्वक स्थापना होती है। बौद्धों के लिए कार्डिनल तोरान की कामना है कि वैसाख का यह पर्व उनके लिए आध्यात्मिक समृद्धि का स्रोत, सत्य और भलाई की खोज में नया उपाय, पीडित लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाने तथा सबलोगों के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से जीवन जीने का प्रयास करने का अवसर सिद्ध हो।







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