मुम्बईः आधिकारिक अनुमति ब़गैर ख्रीस्तीय धर्म अपनाने के लिये 12 आदिवासी गिरफ्तार
मुम्बई, 30 मार्च सन् 2011 (एशियान्यूज़): आधिकारिक अनुमति लिये बग़ैर ख्रीस्तीय धर्म
अपनाने के लिये उड़ीसा के मयुरभंज ज़िले में 12 आदिवासियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बालासोर के दो प्रॉटेस्टेण्ट पादरी सामुएल तथा पादरी मानुएल महोपत्रा द्वारा आदिवासियों
का धर्म परिवर्तन किया गया था।
उड़ीसा के धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत
ज़िला अधिकारियों से पूर्व अनुमति लिये बग़ैर धर्म परिवर्तन करना वर्जित है।
ग्लोबल
काऊन्सल ऑफ क्रिस्टियन्स संगठन के अध्यक्ष साजन के. जॉर्ज ने उक्त गिरफ्तारियों की कड़ी
निन्दा की है। एक वकतव्य जारी कर उन्होंने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पठनायक का आह्वान
किया कि वे आरोपों को वापस लें तथा उड़ीसा में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा का अन्त करें।
वकतव्य में कहा गया, "ग्लोबल काऊन्सल ऑफ क्रिस्टियन्स संगठन उड़ीसा के मुख्यमंत्री
से मांग करती है कि वे मयुरभंज ज़िले में निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों की गतिविधियों
की जाँच करें जो बहुत समय से आदिवासी ख्रीस्तीय विश्वासियों एवं पादरियों को उत्पीड़ित
करते आये हैं।
ग्लोबल काऊन्सल ऑफ क्रिस्टियन्स संगठन मयुरभंज ज़िले में ख्रीस्तीय
आदिवासियों एवं पादरियों की गिरफ्तारी की निन्दा करता है।" साजन के. जॉर्ज ने कहा कि
राज्य सरकार को उन लोगों पर रोक लगाना चाहिये जो जनता को उत्पीड़ित करने के लिये कानून
का दुरुपयोग करते हैं तथा संविधान पर बल देना चाहिये जो न्याय एवं स्वतंत्रता के सम्मान
पर आधारित है।
उन्होंने कहा, "निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों तथा संघ परिवार
के प्रयास अपकीर्तिपूर्ण होने के साथ साथ भारतीय संविधान की नेक दृष्टि एवं आदर्शों का
उपहास हैं।"
उड़ीसा, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिल नाड, राजस्थान तथा अरुणाचल प्रदेश
ने हिन्दु चरमपंथियों के दबाव में आकर धर्मातरण विरोधी कानून लागू किया है। उनका कहना
है कि इससे लालच या लोभ देकर धर्म परिवर्तन करवाने को रोका जा सकेगा तथापि, आज तक इस
दावे के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।