मॉस्को, 28 मार्च, 2011(एशियान्यूज़) रूस के शिक्षा विभाग ने इस बात की घोषणा की है कि
एक साल के परीक्षण काल के बाद रूस के सभी विद्यालयों में धर्मशिक्षा की पढ़ाई शुरू कर
दी जायेगी। धर्मशिक्षा को ‘फाउंडेशन ऑफ रेलिजियस कल्चर एंड एथिक्स’ के नाम से जाना जायेगा।
उक्त बात की जानकारी देते हुए रसियन मिनिस्टरी ऑफ एडूकेशन ने 23 मार्च को इस
बात की आधिकारिक घोषणा की। पत्रकार सम्मेलन में चार मुख्य धर्मों के प्रतिनिधि भी उपस्थित
थे।
रूस के ऑरथोडॉक्स चर्च के अधिकारी ने बताया कि एक साल धर्मों की पढ़ाई स्कूलों
में ट्रायल के रूप में शुरु की गयी थी जिसे परिणाम को अधिकारियों ने " संतोषजनक " बताया
है।
विदित हो कि सोवियत काल में धार्मिक शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
जिसे अप्रैल 2010 में फिर से शुरू किया गया था।
इस पहल में मॉस्को के पैट्रियार्क
की भूमिका अहम रही है। चर्च सूत्रों ने बताया है कि स्कूलों में बड़ी संख्या में
विद्यार्थियों ने धर्म के प्रति अपना उत्साह दिखलाया है।
जिन चार प्रमुख धर्मों
की शिक्षा देने पर सहमति बनी है उनमें ऑर्थोडोक्स ईसाई धर्म इस्लाम यहूदी और बौद्ध धर्म
को चुना गया है। धर्मों के लिये किताबों की व्यवस्था अब तक नहीं बनायी।
विश्वास
किया जा रहा कि स्कूलों में धार्मिक शिक्षा के चालु हो जाने से सोवियत काल के असामान्य
नैतिकता से लोग बाहर निकल पायेंगे।