2011-03-28 17:29:38

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 27 मार्च को संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
येसु का समारी स्त्री के साथ वार्तालाप चालीसाकाल के इस तीसरे रविवार में प्रमुख स्थान है जिसका वर्णन सुसमाचार लेखक संत योहन करते हैं। वह समारी स्त्री याकूब द्वारा बनवाये गये एक प्राचीन कुआँ से प्रतिदिन पानी लाने के लिए जाती थी और उस दिन येसु वहाँ बैठे थे, यात्रा से थके हुए। संत अगस्टीन टिप्पणी करते हैं - यह ऐसा नहीं है कि येसु कुछ नहीं के लिए थके हैं। ख्रीस्त की शक्ति ने तुम्हारी सृष्टि की, वे अपनी कमजोरियों के साथ हमें खोजने आये। येसु की थकावट, उनकी सच्ची मानवता का चिह्न, इसे उनके दुःखभोग के पूर्वाभास के रूप में देखा जा सकता है जिसके द्वारा उन्होंने हमारी मुक्ति के काम को पूर्णता तक पहुँचाया।
प्यासा होने की विषयवस्तु विशिष्ट रूप से कुआँ के पास समारी स्त्री के साथ मुलाकात के समय होती है तथा यह क्रूस पर की गयी पुकार मैं प्यासा हूँ के साथ अपने शिखर पर पहुँचती है। निस्संदेह इस प्यास का, थकावट के समान ही शारीरिक आधार है। लेकिन येसु जैसा कि संत अगस्टीन कहते हैं महिला के विश्वास की प्यास थी, जैसा कि हम सबके विश्वास के लिए है। पिता ईश्वर ने उन्हें भेजा कि अनन्त जीवन के लिए हमारी प्यास को बुझा सकें। हमें अपना प्रेम हमें दिया लेकिन इस उपहार के लिए उन्होंने हमारे विश्वास को माँगा। प्रेम की सर्वशक्तिमत्ता हमेशा मानव की स्वतंत्रता का सम्मान करती है, यह उसके दिल के द्वार को खटखटाती है और धैर्यपूर्वक उसके उत्तर की प्रतीक्षा करती है।
समारी स्त्री के साथ मुलाकात में पानी का चिह्न बहुत प्रमुख है। यह स्पष्ट रूप से बपतिस्मा के संस्कार का संकेत करता है, ईश्वर की कृपा में विश्वास द्वारा नये जीवन का स्रोत। यह सुसमाचार वास्तव में, जैसा कि मैंने राखबुध की धर्मशिक्षा में इंगित किया ख्रीस्तीय बनने की आरम्भिक प्रक्रिया में धर्मशिक्षा पानेवालों की तैयारी के लिए प्राचीन कार्य़क्रम का अंश है जो कि महान जागरण या पास्का रात में हुई थी।

येसु कहते हैं- जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा वह उस में वह स्रोत बन जायेगा जो अनन्त जीवन के लिए उमड़ता रहता है।

यह जल पवित्र आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है, सर्वोत्तम उपहार, कि येसु हमारे लिए पिता ईश्वर के पास से लाये हैं। जो भी व्यक्ति पवित्र आत्मा के जल से पुनः जन्म लेता है अर्थात बपतिस्मा, ईश्वर के साथ एक सच्चे संबंध में प्रवेश करता है, पिता पुत्र का संबंध तथा आत्मा और सत्य में आराधना कर सकता है जैसा कि येसु समारी स्त्री को कहते हुए प्रकट करते हैं। येसु के साथ हुए साक्षात्कार तथा पवित्र आत्मा के उपहार के लिए धन्यवाद, ईश्वर के प्रकटीकरण के जवाब के रूप में व्यक्ति का विश्वास इसे पूरा करने के लिए आता है।

हम में से हर एक जन स्वयं को समारी स्त्री के स्थान पर रख सकता है- येसु हमारी प्रतीक्षा करते हैं, विशेष रूप से चालीसाकाल के दौरान, हमारे हृदयों को, मेरे दिल को कहने के लिए। हम मौन में कुछ क्षण व्यतीत करें, अपने कमरे में या गिरजाघर में या एकांत स्थान में। हम उस वाणी को सुनें जो कहती है- यदि तुम ईश्वर के उपहार को जानते हो। कुँवारी मरियम हमारी सहायता करें कि हम इस अवसर को न खोयें जिसपर हमारी सच्ची खुशी निर्भर करती है।

इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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