2011-03-26 13:00:33

चरमपंथियों ने क्रूस-रास्ता की मूर्तियाँ तोड़ी


झाबूआ , 26 मार्च, 2011(उकान) झाबूआ के धर्माध्यक्ष देवप्रसाद गंनावा ने बताया कि कुछ अतिवादी हिन्दुओं ने इंदौर के संत माईकेल चर्च से झापदरा धार्मिक मूर्ति ले जा रही वाहन को रोका, चालक और उसके दो साथियों के साथ दुर्व्यवहार किया और मूर्ति भी तोड़ दी हैं।
सलेशियन धर्माध्यक्ष ने बताया कि क्रूस रास्ता की धर्मविधि के लिये मूर्तियों को कोलाकाता से मंगाया गया था। 14 सेटों की मूर्तियों में प्रत्येक मूर्ति सेट की क़ीमत लगभग 20 हज़ार रुपये की होगी।
धर्मप्रांत के प्रोक्यूरेटर फादर पी.ए. थोमस ने बताया कि अतिवादियों ने 3 मूर्तियों को तोड़ दिया है। इस संबंध में फादर ने पुलिस को एक रिपोर्ट दर्ज़ करायी है।
फादर ने बताया कि मूर्ति पहुँचाने के लिये तीन गाड़ियों का उपयोग किया जा रहा था जो स्थानीय नहीं थी। दो इंदौर और एक कोलकाता की थी। उस क्षेत्र के लिये लिये अजनबी होने के कारण चालक और अन्य सदस्यों ने बदमाशों की पहचान कर सकने में अपनी असमर्थता जतायी।
धर्मप्रांत के अधिकारियों ने बताया कि चरमपंथियों के द्वारा इस तरह की वारदातें यदा-कदा होती ही रही हैं।
झापदरा के मुकेश भूरिया ने बताया कि मूर्ति तोड़े जाने की इस घटना से लोगों में क्रोध और दहशत है।
धर्माध्यक्ष गंनवा के नेतृत्व में करीब 200 लोगों ने थाने प्राथमिकी दर्ज़ करायी है।
उन्होंने पुलिस से माँग की है कि वे आक्रमण करने वाले बदमाशों पर सख्ती से कारवाई करे और चालीसेकाल के पवित्र माहौल को शांतिपूर्ण बनाये रखने के लिये आवश्यक कदम उठाये।
पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा कि " वे दोषियों के साथ सख्ती से पेश आयेंगे।"
ईसाई समुदाय ने पुलिस को तीन दिन का समय दिया है और कहा है कि अगर पुलिस ने अक्षमता दिखलायी तो वे अपना विरोध तेज़ करेंगे।
झाबूआ धर्मप्रांत में ईसाइयों की संख्या करीब 30 हज़ार है और इसमें 28 पल्लियाँ हैं।
उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में ईसाई संस्थायों पर आक्रमण होते रहे हैं जिसमें चरमपंथियों द्वारा सन् 1998 ईस्वी में 4 सिस्टरों के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना भी शामिल है।


















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