(नई दिल्ली 24 मार्च सीबीसीआई) महाधर्माध्यक्ष ओस्कार अरनुल्फो रोमेरो के निधन की 31
वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली में 24 मार्च को रोमेरो दिवस मनाया गया। एल साल्वाडोर में
महाधर्माध्यक्ष ओस्कार अरनुल्फो रोमेरो की 24 मार्च 1980 को ख्रीस्तयाग करते समय हत्या
कर दी गयी थी। वे निर्धनों और समाज के वंचित तबकों के अधिकारों और उनकी मानव मर्यादा
के लिए सतत कार्यरत थे। एल साल्वादोर में 12 वर्षों तक चले गृहयुद्ध में लगभग 75 हजार
लोग मारे गये थे।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) की न्याय,
शांति और विकास समिति ने दिल्ली महाधर्मप्रांत और एल साल्वादोर गणतंत्र के दूतावास के
साथ मिलकर 24 मार्च को एक कार्य़क्रम का आयोजन किया। न्याय, शांति और विकास संबंधी समिति
के सचिव फादर चार्ल्स इरुदयम ने कहा कि अन्याय को लेकर देश के कुछ भागों में एल साल्वादोर
जैसी ही परिस्थितियाँ हैं। अपने काम और शब्दों के द्वारा महाधर्माध्यक्ष रोमेरो हमारे
लिए प्रेरणा हैं। निर्धनों तथा वंचित तबके लोगों की सहायता करने के लिए हम स्वयं को दें।
दिवंगत महाधर्माध्यक्ष के जीवन पर चिंतन करते हुए एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया
गया। विचार गोष्ठी के एक वक्ता येसु समाजी पुरोहित फादर प्रकाश लुईस ने कहा कि भारत एक
वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है लेकिन भ्रष्टाचार, कट्टरवाद, जाति विभाजन, आर्थिक
असमानता तथा निर्धनों और वंचित तबकों के खिलाफ भेदभाव भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि
लोग महाधर्माध्यक्ष रोमेरो के पथ का अनुसरण करें और वंचित समूहों को न्याय दिलायें। भारत
के लिए एल साल्वाडोर के राजदूत रूबेन आई जामोरा ने कहा कि रोमेरो ने सामाजिक न्याय के
संदेश पर प्रवचन किया। नई दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष विंसेंट कोंचेसाव ने लोगों से आग्रह
किया कि वे अन्याय के प्रति संवेदनशील बनें तथा अन्याय के शिकार हुए लोगों के जीवन का
पुर्ननिर्माण करें। उन्होंने कहा कि समाज के हाशिये पर किये गये लोगों को सशक्त करने
की जरूरत है तथा अन्याय करनेवालों और अन्याय की बुराई की भर्त्सना करते हुए शांति और
सदभावना की ओर बढ़े। रोमेरो दिवस का आयोजन कोलकाता, मुम्बई, पटना सहित देश के 15
स्थानों में भी किया गया।