अपोस्तोलिक पेनिटेंशियरी द्वारा आयोजित सेमिनार के प्रतिभागियों के लिए संत पापा का संदेश
(वाटिकन सिटी 25 मार्च सेदोक, वीआर वर्ल्ड) अपोस्तोलिक पेनिटेंशियरी प्रतिवर्ष चालीसाकाल
के दौरान आंतरिक फोरम (अंतकरण और निर्णय के निजी क्षेत्र) के लिए प्रशिक्षण कोर्स का
आयोजन करती है जो पश्चाताप करनेवाले और पापस्वीकार सुननेवाले पुरोहित के लिए सबसे महत्वपूर्ण
है।
इस प्रशिक्षण कोर्स के 700 प्रतिभागियों ने शुक्रवार को संत पापा का साक्षात्कार
कर उनका संदेश सुना। अपने संदेश में संत पापा ने मेल मिलाप या पापस्वीकार संस्कार के
शैक्षणिक मूल्य पर ध्यान केन्द्रित रखते हुए उन तरीकों पर अपने विचार व्यक्त किया जिसमें
यह संस्कार पुरोहित और पापस्वीकार संस्कार ग्रहण करनेवाले, दोनों के लिए शिक्षा पाने
का क्षण हो सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विभिन्न प्रकार की कोलाहलों, भ्रमित
करनेवाले कारणों तथा एकाकीपन के मध्य पापस्वीकार करनेवाले पश्चातापी और पुरोहित के मध्य
संवाद, कुछेक पलों या शायद एकमात्र अवसर का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं जहाँ एक व्यक्ति
वास्तव में सुने जाने तथा अपने अस्तित्व की गहराई में सुने जाने का अवसर पाता है।
संत पापा ने पुरोहितों को प्रोत्साहन दिया कि वे पापस्वीकार पीठिका में बैठें तथा
पापस्वीकार स्वीकार संस्कार की प्रेरिताई के लिए पर्याप्त स्थान और अवसर देने की उपेक्षा
नहीं करें जो पश्चाताप करनेवाले को विनम्रता की, ईश्वर की क्षमा पाने की जरूरत के प्रति
जागरूकता तथा यह भरोसा कि ईश्वर की कृपा एक व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह बदल सकती है,
इनकी शिक्षा देती है। अपोस्तोलिक पेनिटेंशियरी द्वारा सन 2011 के चालीसाकाल के अवसर पर
आयोजित प्रशिक्षण कार्य़क्रम 21 से 25 मार्च तक सम्पन्न हुआ।