2011-03-21 13:49:32

लीबिया की स्थिति पर संत पापा ने चिन्तित


वाटिकन सिटी, 21मार्च, 2011(ज़ेनित)  संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने लीबिया की स्थिति पर चिंता व्यक्त किया है। संत पापा ने कहा कि हाल के दिनों में लीबिया में युद्ध विराम के लिये विभिन्न देशों ने जो कदम उठाये हैं उससे जो स्थिति उत्पन्न हुई उससे मेरा मन भयभीत हुआ है।

उक्त बातें संत पापा ने उस समय कहीं जब उन्होंने रविवार 20 मार्च को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में देवदूत प्रार्थना के लिये एकत्रित तीर्थयात्रियों को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि " लीबिया में हो रहे घटनाक्रमों को बारीकी से सर्वेक्षण कर रहे हैं। "

विदित हो कि पिछले महीने विद्रोहियों ने लीबिया के नेता मुआमार गद्दाफी को हटाने का अभियान छेड़ा है।

गद्दाफी पिछले 42 सालों से सत्ता में बने हुए हैं।  विरोध प्रदर्शन के तुरन्त बाद यह हिंसात्मक झड़पों में  बदल गयी और गद्दाफी ने त्रिपोली और विरोधी नेताओं ने बेनघाजी को अपना मुख्यालय बना लिया है और हिंसा जारी है।

वृहस्पतिवार 17 मार्च के समाचारों के अनुसार गद्दाफी ने विरोधियों पर बम बरसाने और  अनेक विद्रोहियों के मारे जाने की खबर के बाद यूए सेक्यूरिटी कौंसिल ने 1973 प्रस्ताव पास किया है।

इस प्रस्ताव के अनुसार अंतरराष्ट्रीय समुदाय  ‘नो फ्लाईंग जोन’ स्थापित कर सकता है और आम नागरिकों की सुरक्षा के लिये  " आवश्यक सभी कारवाई " का प्रयोग कर सकता है।

शनिवार 19 मार्च को फ्रांसीसी सेना ने इस प्रस्ताव पर अमल करना शुरु किया और गद्दाफी के पाँच टैंको पर बम बरसाये। अमेरिका और इंगलैंड ने लीबियाई मिलिटरी सिस्टम पर आक्रमण किये।

संत पापा ने कहा कि उन्होंने अपने आध्यात्मिक साधना के दरमियान लीबिया के लिये विशेष प्रार्थनायें कीं।

उन्होंने कहा कि  " उनकी प्रार्थना है कि राजनीतिक और सेना के अध्यक्ष इस नाटकीय घटनाक्रम में इस बात पर ध्यान दें कि आम नागरिकों को पूर्ण सुरक्षा मिले और मानवतावादी सहायता प्राप्त हो।

संत पापा ने कहा कि वे लीबिया को आध्यात्मिक समीप्य का आश्वासन देते हैं और उनकी ईश्वर से उनकी प्रार्थना है कि वे लीबिया और पूरे उत्तरी अमेरिका के लोगों को जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था प्रदान करें।












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