वाटिकन सिटी, 14 मार्च, 2011 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने अपना चालीसाकालीन
आध्यात्मिक साधना आरंभ किया है।उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे उनके लिये और वाटिकन
कूरिया के लिये प्रार्थना करें। संत पापा अपने आध्यात्मिक साधना में संत पापा जोन
पौल द्वितीय और संतों के ईशशास्र पर चिन्तन करेंगे। संत पापा ने उक्त बात की जानकारी
उस समय दी जब उन्होंने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में आयोजित रविवारीय देवदूत
प्रार्थना के पश्चात् लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि " मैं आप लोगों से एक विशेष
निवेदन करता हूँ कि आप मेरे लिये और रोमन कूरिया के सहकर्मियों के लिये प्रार्थना करें।"
उन्होंने कहा कि " वे 14 मार्च रविवार शाम से एक सप्ताह तक आध्यात्मिक साधना करेंगे
जिसकी शुरूआत ‘रिडेमतोरिस मातेर चैपल ऑफ द अपोस्तोलिक पालेस’ में शाम 6 बजे होगी। प्रार्थना
के बाद आरंभिक चिन्तन, यूखरिस्तीय बलिदान और आशिष का कार्यक्रम है। " कार्यक्रम
के अनुसार संत पापा और वाटिकन कूरिया के सभी सदस्य एक साथ प्रार्थनायें करेंगे तथा प्रत्येक
दिन तीन बार चिन्तन करेंगे। अंतिम दिन संत जोसेफ के महोत्सव के अवसर पर रविवार 19
मार्च को 9 बजे प्रातः मिस्सा बलिदान चढ़ाया जायेगा और समापन प्रार्थना-चिन्तन के साथ
आध्यात्मिक साधना समाप्त हो जायेगी। ज़ेनित समाचार ने यह यह भी जानकारी दी कि आध्यात्मिक
साधना के मद्देनज़र 16 मार्च का बुधवारीय आमदर्शन समारोह कार्यक्रम नहीं हो पायेगा। आध्यात्मिक
साधना का निर्देशन कार्मेलाइट धर्मसमाज के प्रसिद्ध उपदेशक फादर फ्रांकोइस मरि लेथन करेंगे।
उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक साधना की विषयवस्तु होगी " द लाइट ऑफ क्राइस्ट इन द हार्ट
ऑफ द चर्चः जोन पौल सेकेन्ड एन्ड थियोलॉजी ऑफ सेंट्स।" (अर्थात् कलीसिया के ह्रदयतम में
येसु की ज्योतिः संत पापा जोन पौल और संतों का ईशशास्त्र) विदित हो कि फादर लेथल
परमधर्मीपठीय तेरेसियानुम में थियोलॉजी के प्राध्यापक है और परमधर्मपीठीय ईशशास्त्रीय
अकाडमी के प्रीलेट सेक्रेटरी।