इस्लमाबाद, 14 मार्च, 2011 (एशियान्यूज़) पाकिस्तान के पुलिस महानिदेशक वाज़ीद अली दुर्रानी
के हाल के वक्तव्य ने ईसाई समुदाय में चिंता और दहशत बढ़ा दी है।
पुलिस अधिकारी
ने एक पत्राकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि " कट्टरवादी मुसलमानों ने काथलिक
मंत्री को ईशनिन्दा कानून के संबंध में उठाये गये विरोधी कदम के कारण कई बार धमकियाँ
दी थीं और संभवतः "व्यक्तिगत दुश्मनी" के कारण उनकी हत्या कर दी गयी।
उन्होंने
कहा " हम सारी परिस्थितियों की खोजबीन कर रहे हैं क्योंकि मंत्री के कुछ स्थानीय समुदायों
के साथ कटु रिश्ते थे। इस संबंध में जल्द ही एक रिपोर्ट प्रकाशित की जायेगी।"
पुलिस
महानिदेशक के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए इस्लमाबाद-रावलपिंडी के धर्माध्यक्ष
अंतोनी रूफ़िन ने कहा कि " इस प्रकार के वक्तव्य को स्वीकारा नहीं जा सकता है।"
इस्लमाबाद
की पुलिस ने मंत्री की हत्या के मामले में अब तक दोषी को गिरफ़्तार नहीं किया है और अब
बयानबाज़ियों के द्वारा लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर किया जा रहा है।
उन्होंने
कहा कि " इस्लमाबाद की पुलिस अपनी असलफलता को छुपाने के लिये बहाने ढूँढ़ रही है। यह
बिल्कुल स्पष्ट है कि शाहबाज़ भट्टी की जान को चरमपंथियों से ख़तरा था और उन्होंने ईशनिन्दा
कानून के संशोधन की माँग करते हुए उन्होंने अपने जान की कुर्बानी दे दी।"
धर्माध्यक्ष
ऱूफिन ने कहा कि " इसके पहले आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने यह कहकर ज़िम्मेदारी
लेने से कतराया था कि कैबीनेट मंत्री को बूलेट प्रूफ़ कार देने का दायित्व उनके विभाग
के दायरे के अंतर्गत नहीं है।"
उधर कैबीनेट मंत्रियों ने कहा है कि आंतरिक मामलों
के मंत्री को यह आदेश दिया जा चुका था कि वे शाहबाज़ भट्टी को बूलेटप्रूफ कार मुहैया
करायें।
धर्माध्यक्ष ने कहा " कुछ भी हो इस दुःखद घटना ने पाकिस्तान के ईसाइयों
को एकता के एकसूत्र में बाँध दिया है। उन्होंने कहा कि " मुख्य मुद्दे से भटकाने के किसी
भी प्रयास से अब उनके संघर्ष को कोई नहीं रो सकता है शहीद शाहबाज़ भट्टी का खून व्यर्थ
नहीं जायेगा।"
उधर ईशनिन्दा कानून के तहत् गलत तरीके से आरोपित जेल में बंद असिया
बीबी को अपने न्याय के पक्ष में आवाज़ उँची करने वाले गवर्नर सल्मान तासीर और मंत्री
शाहबाज़ भट्टी की हत्या से गहरा सदमा पहुँचा है।
‘मसीही फाँउडेशन’ ने बताया है
कि असिया बीबी जेल में उपवास और प्रार्थना कर रही हैं। उनको भय है कि कहीं कारावास के
अंदर ही उसकी हत्या न कर दी जाये। ‘मसीही फाँउन्डेशन’ ने बताया कि असिया बीबी की सुरक्षा
के लिये उनका प्रयास लगातार जारी है।