विश्व को ध्यान में रखकर सोचें और संसाधनों को बांटें - जेस्विट सुपीरियर जेनरल
(बंगलोर 10 मार्च उकान) येसु धर्मसमाज के सुपीरियर जेनरल फादर अडोल्फ निकोलस ने दक्षिण
एशिया के येसुधर्मसमाजियों या जेस्विटों से आग्रह किया है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
नये कामों की जिम्मेदारी लें। फादर निकोलस ने दक्षिण एशिया के 18 प्रोविंशियलों और दो
क्षेत्रीय सुपीरियरों को बंगलोर में 1 से 6 मार्च तक सम्पन्न बैठक के दौरान सम्बोधित
करते हुए कहा कि वे येसुधर्मसमाज प्रांत के बारे मे सीमित समझ से परे जाते हुए क्षेत्रीय
और वैश्विक स्तर पर अपने संसाधनों की शेयरिंग करें। फादर निकोलस बंगलोर में आयोजित साउथ
एशिया जेस्विट कांफ्रेस की सभा में शामिल होने के लिए 26 फरवरी से 12 मार्च तक भारत में
हैं। वे बंगलोर, मंगलोर, कालिकट और कोलकाता के येसुसमाजियों से भी मिलेंगे और उनके कार्य़ों
को देखेंगे। फादर निकोलस ने प्रोविंशियलों से कहा कि वाटिकन ने येसुसमाजियों को ईशशास्त्र
पढाने के लिए अनेक शिक्षण संस्थानों के संचालन का जिम्मा सौंपा है। उन्होंने कहा कि निजी
मुलाकात के समय संत पापा ने येसु धर्मसमाज की सहायता का आग्रह करते हुए पुरोहितों के
समग्र प्रशिक्षण तथा पौरोहितिक प्रशिक्षण में क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत पर जोर दिया
था। इस समय विश्व के 113 देशों में लगभग 18500 येसु धर्मसमाजी अपने समुदायों और
प्रांतों के माध्यम से प्रेरितिक कार्य़ों को सम्पन्न कर रहे हैं। दक्षिण एशियाई येसुसमाज
असिस्टंसी में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत, नेपाल तथा श्रीलंका के क्षेत्र आते हैं
जहाँ 4 हजार से अधिक येसुधर्मसमाजी कार्यरत हैं।