रोम, 8 मार्च, सन् 2011 (सेदोक): रोम में भी शाहबाज़ भट्टी की स्मृति में ख्रीस्तयाग
अर्पित किये गये तथा प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया।
रविवार को वाटिकन के
वरिष्ठ कार्डिनल जाँ लूई तौराँ ने मंत्री भट्टी की स्मृति में रोम स्थित सैन्ट पीटर्स
परमधर्मपीठीय महाविद्यालय में ख्रीस्तयाग अर्पित कर उनके प्रति भावभीनी श्रद्धान्जलि
अर्पित की।
ख्रीस्तयाग का आयोजन इटली के पाकिस्तानी संगठन द्वारा किया गया था
जिसमें पाकिस्तान, भारत एवं इटली के अनेक पुरोहितों, धर्मबहनों एवं लोकधर्मियों ने भाग
लिया।
ख्रीस्तयाग प्रवचन के समय कार्डिनल तौराँ ने याद किया कि विगत नवम्बर 28
को उन्होंने रोम में मंत्री शाहबाज़ भट्टी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के अवसर पर मंत्री
महोदय ने उनसे कहा था "मुझे मालूम है कि मेरा क़त्ल कर दिया जायेगा किन्तु मैं अपना जीवन
ख्रीस्त और अन्तरधर्म सम्वाद के लिये अर्पित करता हूँ।"
कार्डिनल महोदय ने बताया
कि अपनी आध्यात्मिक वसीयत में भट्टी ने लिखा था, "मुझे अब किसी बात का डर नहीं है, मैं
अपना जीवन प्रभु येसु के प्रति अर्पित करता हूँ, मुझे सत्ता की चाह नहीं , मैं तो केवल
प्रभु येसु के चरणों में जगह चाहता हूँ।"
कार्डिनल तौराँ ने कहा, "ख्रीस्तीय
होने का मतलब है भलाई अथवा बुराई में से एक को चुनना, साथ ही सेवक अथवा स्वामी बनने के
बीच चयन करना। सबसे कठिन काम है अपने शब्दों को कार्यरूप देना और इसका सर्वाधिक उज्जवल
उदाहरण हैं शाहबाज़ भट्टी।"
मंत्री महोदय के प्रति श्रद्धा भाव की अभिव्यक्ति
कर कार्डिनल तौराँ ने सभी को आमंत्रित किया कि वे इस यथार्थ शहीद के लिये ईश्वर को धन्यवाद
दें "जिसने ईश्वर को अपना उद्धारकर्त्ता, कलीसिया को अपनी माता, तथा मानव व्यक्तियों
को अपने भाई चुना।"