2011-03-05 14:14:26

दिवंगत नेता को हज़ारों शोकितों ने पैतृक गाँव में दफनाया


इस्लमाबाद, 5मार्च, 2011 (एशियान्यूज़) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी, संत पापा के प्रतिनिधि एद्गर पेन्ना पारा और इस्लमाबाद के धर्माध्यक्ष रुफिन अंतोनी सहित हज़ारों शोकित हिन्दुओं, मुस्लिमों, सिक्ख और ईसाइयों की उपस्थिति में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामलों के एकमात्र काथलिक मंत्री शाहबाज़ भट्टी को पंजाब प्रांत में अवस्थित उनके पैत्रिक गाँव खुशपुर में अपने पिता की कब्र की बगल में दफ़ना दिया गया।

इस्लमाबाद के आवर लेडी ऑप फतिमा चर्च में 4 मार्च शुक्रवार को 11 बजकर 40 मिनट में संपन्न यूखरिस्तीय बलिदान में बोलते हुए धर्माध्यक्ष रुफिन अंतोनी ने कहा कि उन्होंने शाहबाज़ भट्टी के रूप में एक " पुत्र " को खो दिया है जिन्हें उन्होंने ‘बढ़ते हुए’ देखा था।

उन्होंने कहा कि " शाहबाज़ ने बचपन से ही न्याय के लिये जीना सीखा था। जब वे उन बच्चों का पक्ष लिया करता थे जो बोल नहीं सकते थे।"

" वे बाईबल पाठ के लिये उनके पास लगातार आते थे। बचपन में ही उन्होंने अपने जीवन को येसु के लिये समर्पित कर दिया था। उन्होंने मंत्री के रूप में सदा ही शोषित अल्पसंख्यको के लिये कार्य किया।

भट्टी का स्वप्न था क्वाइद ए अज़ीम - पाकिस्तान के संस्थापक अली जिन्नाह के स्वप्न को पूरा करना, जो चाहते थे कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को समानता का अधिकार प्राप्त हो और सभी अपने धर्मों का पालन स्वच्छंद रूप से कर सकें।

उन्होंने कहा कि " भट्टी चाहते थे कि ईशनिन्दा कानून में सुधार हो क्योंकि उनके अनुसार पाकिस्तान में ईशनिन्दा कानून ही अल्पसंख्यकों की सभी समस्यायों की जड़ है। निश्चिय ही मृत्यु का उन्हें कोई भय नहीं था।"

उन्होंने अन्तरधार्मिक वार्ता के द्वारा हिन्दुओं, मुसलमानों, सिक्खों और ईसाइयों को मंच पर लाने का प्रयास किया।

सरकारी बयानों ने भट्टी पर सुरक्षा इन्तज़ामों के प्रति ‘लापरवाह’ होने का आरोप लगाया है पर धर्माध्यक्ष ने कहा कि भट्टी ने बुलेट प्रूफ़ वाहन की मांग की थी जिसे सरकार ने नज़रअंदाज़ किया।

विदित हो कि 2 मार्च बुधवार को शाहबाज़ भट्टी की कुछ अज्ञात बंदुकधारियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। 4 मार्च को यूखरिस्तीय बलिदान समाप्त होने के बाद दिवंगत शाहबाज़ की शव को हेलिकॉप्टर से पंजाब प्रांत के फैसलापुर शहर के पैतृक गाँव खुशपुर उन्हें दफ़ना दिया गया। दफ़न क्रिया में करीब दस हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया।

ऑल पाकिस्तान माइनियोरिटी अलाएंस के अध्यक्ष परवेज़ राफ़िक ने कहा कि " भट्टी अल्पसंख्यकों के लिये अपना जान की कुर्बानी दी है वे उनके मिशन को जारी रखेंगे। "











All the contents on this site are copyrighted ©.