रोम 5 मार्च, 2011(ज़ेनित) वाटिकन में इस्राएल के दूतावास ने संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
की नयी किताब में पोप के उस विचार का स्वागत किया है कि येसु की मृत्यु के लिये यहूदी
ज़िम्मेदार नहीं हैं।
इस्राएली दूतावास ने वृहस्पतिवार 3 मार्च को दिये विज्ञप्ति
में कहा है कि " हम संत पापा की नयी किताब में लिखित उस विचार का स्वागत करते हैं जिसमें
उन्होंने यहूदियों को येसु की मृत्यु की ज़िम्मेदारी से मुक्त कर दिया है। इस्राएली दूतावास
ने कहा कि यह कोई नयी शिक्षा नहीं है।
सन् 1956 ईस्वी में भी वाटिकन द्वितीय
महासभा ने " नोस्तरा आएताते " के द्वार इ स बात को बताया था कि " उनके दुःखभोग में
जो भी हुआ इसके लिये उन यहूदियों को जो उस समय जीवित थे और आज जो जीवित हैं इसमें अंतर
किया जाना चाहिये।
विदित हो कि संत पापा की किताब ‘जीज़स ऑफ नाज़रेथ’ बाज़ार
में 10 मार्च को उपलब्ध करा दिया जायेगा।
राजदूतावास ने यह भी कहा कि किताब
की बातें कलीसिया की आधिकारिक शिक्षा के आधार पर ही है और यह दिखाती है कि संत पापा के
यूहदियों के प्रति सकारात्मक विचारों की पुष्टि करता है।
विदित हो कि जीज़स ऑफ
नाज़रेथ में येसु की मृत्यु के संबंध यहूदियों की भूमिका की चर्चा 7वें अध्याय के तीसरे
खण्ड मे चर्चा की गयी है।