लीबिया ईसाइयों को सुरक्षा दे - धर्माध्यक्ष जियोवन्नी
रोम, 26 फरवरी, 2011 (ज़ेनित) अपोस्तोलिक विकर त्रिपोली के धर्माध्यक्ष जियोवन्नी मारतीनेल्ली
ने लीबिया के मुसलमानों से अपील की है कि वे ईसाइयों को सुरक्षा दें। विदित हो कि अपोस्तोलिक
विकर मारतीनेल्ली को लीबिया के अति अल्पसंख्यक ईसाइयों के देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी
गयी है। उन्होंने लीबिया की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि " सड़कों में मोमार
गद्दाफी विरोधी प्रदर्शन इतनी उग्र हो गयी है कि फिलहाल किसी प्रकार के मेल-मिलाप की
संभावना कम दिखाई देती " लीबिया में कार्यरत 69 वर्षीय एक फ्रांसिसकन सदस्य ने रेडियो
24 को दिये अपने साक्षात्कार में कहा कि " लोग प्रजातंत्र चाहते और युवा देश की प्रगति
में अपनी भागीदारी चाहती है।" उन्होंने ‘ला स्ताम्पा’ को दिये अपने साक्षात्कार में
कहा कि गद्दाफी विरोधी आंदोलन सन् 1968 की क्रांति के समान है। युवाओं में रोष है, उनकी
शिकायत है कि उनके पास न आवास है न ही परिवार बसाने के लिये उचित वातावरण।" धर्माध्यक्ष
मारतीनेल्ली ने ज़ेनित समाचार को बताया कि " उन्होंने रेड क्रेशेन्ट और अन्य मुसलिम
संगठनों से संपर्क बनाया है और उनसे अपील की है कि वे गिरजाघरों, कॉन्वेंटों, ईसाइयों
और अस्पतालों में कार्यरत धर्मबहनों को सुरक्षा दें।" ज्ञात हो कि सन् 2005 के आँकड़ों
के अनुसार लीबिया में करीब 70 हज़ार काथलिक है और सिर्फ़ 8 पुहोहित और 30 धर्मबहनें हैं। धर्माध्यक्ष
ने बताया कि फ्रांसिस्कन धर्मसमाज द्वारा संचालित एक कारितास सेंटर है जो त्रिपोली से
10 किलोमीटर की दूरी पर है जहाँ गद्दाफी के समर्थकों ने युद्ध-सी स्थिति बना दी है। सिस्टर
शोरली जोसेफ ने बताया कि उनके घर को घेर दिया गया है और उन्हें कारितास सेंटर जाने की
अनुमति नहीं है। सिस्टर ने कहा स्थिति यथावत है पर वे सुरक्षित है और चाहतीं हैं कि
वे लीबिया की सेवा अंतिम दम तक करतीं रहेंगी। उन्होंने कहा " अगर हम जीते हैं तो लोगों
के साथ में अगर मृत्यु भी आ जाये तो भी हम लोगों के साथ ही हैं।"