2011-02-24 17:55:10

महाधर्माध्यक्ष पेनाकियो द्वारा पुरोहितों से ईमानदार बने रहने का आग्रह


(नई दिल्ली 24 फरवरी उकान) भारत में वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष साल्वातोरे पेनाकियो ने कहा है कि सेमिनरी प्रशिक्षण सेक्सुआलिटी (लैंगिकता) के प्रति सही दृष्टिकोण सहित यथार्थ मानव विकास का प्रसार करे। उन्होंने नई दिल्ली में साइको-सेक्सुअल इंटीग्रेशन विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेमिनरियों में अकादमिक और आध्यात्मिक विकास के साथ ही हेल्दी सेक्सुअल डेवेलोपमेंट अर्थात स्वस्थ यौन विकास होने से हमें प्रौढ़ पुरोहित मिलेंगे। 23 से 25 फरवरी तक आयोजित कार्यक्रम में भारत के प्रत्येक धर्मप्रांत से कुल 82 पुरोहित भाग ले रहे हैं।
महाधर्माध्यक्ष पेनाकियो ने कहा कि इस कार्य़क्रम का लक्ष्य समर्पित पुरोहित होना है जो स्वयं तथा अपने ब्रह्मचारी जीवन के प्रति सुखद महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि कलीसिया की पुरोहितों से बहुत उच्च अपेक्षाएँ हैं और पुरोहितों से अपने प्रेरिताई काम में उदार होने की कामना की जाती है। उन्होंने काथलिक चर्च में कुछेक पुरोहितों के द्वारा हाल में किये गये यौन दुराचार अपर्कीर्ति प्रकरणों पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि इन घटनाओं से अनेक विश्वासी बेचैन और विचलित हुए हैं।
महाधर्माध्यक्ष पेनाकियो ने अन्यों के साथ संबंध के बारे में पुरोहितों को सावधान करते हुए कहा कि स्वस्थ संबंध के लिए ईमानदारी, प्रेम और सम्मान की जरूरत होती है। पुरोहितों को अपने सेमिनरी प्रवेश के दिनों से ही पुरोहिताई को स्वीकार करने के अपने कारणों में ईमानदार होना चाहिए। इस तथ्य पर बल देते हुए कि पुरोहिताई प्रेम की बुलाहट है उन्होंने कहा कि पुरोहितों को चाहिए कि वे शुद्धता और ब्रह्मचर्य को स्वीकार करते हुए अपने आप को दूसरों के लिए पूरी तरह बलिदान कर दें।
महाधर्माध्यक्ष पेनाकियो ने कहा कि पुरोहित जिन समस्याओं का सामना करते हैं उन्हेँ अपने धर्माध्यक्षों तथा मित्र पुरोहिकों के साथ बाँटें। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण होगा कि कुछ पुरोहितों को प्रशिक्षण मिले और वे पर्यापत रूप से दक्ष हों ताकि जरूरतमंद पुरोहितों की सहायता कर सकें। आध्यात्मिक जीवन के विकास के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शक की जरूरत होती है।








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