2011-02-18 17:02:25

बांग्लादेश में सेवानिवृत्त धर्माध्यक्ष फ्रांसिस अंतोनी गोम्स के निधन पर शोक


बांग्लादेश में काथलिक कलीसिया मयमनसिंह धर्मप्रांत के सेवानिवृत्त धर्माध्यक्ष फ्रांसिस अंतोनी गोम्स के निधन पर शोक मना रही है जिनका 17 फरवरी को देहांत हो गया। सन 2006 में सेवानिवृत्त होनेवाले 80 वर्षीय धर्माध्यक्ष गोम्स गंभीर रूप से बीमार थे। सन 2008 में गंभीर रूप से ह्दयाघात होने के बाद उनके मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ और वे पक्षाघात से पीडित हो गये थे।
स्व. धर्माध्यक्ष गोम्स का जन्म ढाका महाधर्मप्रांत के रंगामतिया पल्ली में 30 अप्रैल 1931 को हुआ था। वे पोप जोन पौल द्वितीय द्वारा दिसम्बर 1959 में धर्मप्रांतीय पुरोहित अभिषिक्त किये गये थे। वे मयमनसिंह प्रांत में रहनेवाले आदिवासियों या जनजातीय समुदायों के मध्य सुसमाचार के प्रचार प्रसार में अग्रणी रहे थे। वे पहले स्थानीय बंगाली पुरोहित थे जिन्होंने क्षेत्र में आदिवलासियों के बीच काम किया। पहले मयमनसिंह ढाका धर्मप्रांत का ही भाग था। कलीसियाई कानून के अनुसार सन 1987 में मयमनसिंह को धर्मप्रांत का दर्जा दिया गया और धर्माध्यक्ष गोम्स इस नये धर्मप्रांत के पहले धर्माध्यक्ष बनाये गये।
गारो जनजाति के पुरोहित तथा रानीखोंग पल्ली के पुरोहित फादर सिमोन हाक्का ने कहा कि धर्माध्यक्ष गोम्स मनमनसिंह धर्मप्रांत के संस्थापक थे। उन्होंने जनजातीय काथलिकों के जीवन को बेहतर सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और मेषपालीय स्थिति की ओर लाने के लिए नेतृत्व किया। उन्होंने अतिपिछड़े समझे जानेवाले जनजातीय समुदाय के लिए धर्मप्रांत में आध्यात्मिक, शैक्षणिक और संरचनात्मक विकास को गति प्रदान की। धर्माध्यक्ष गोम्स ने लोगों के जमीन संबंधी अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उन्हें राजनैतिक पहचान दिलायी।
फादर हाक्का ने कहा कि मयमनसिंह के आदिवासी या जनजातीय काथलिक स्वर्गीय धर्माध्यक्ष फ्रांसिस अंतोनी गोम्स के महान योगदान को कभी नहीं भूलेंगे।








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