मैंगलोरः धर्माध्यक्षीय अधिकार को दी चुनौती को अदालत ने किया ख़ारिज
मैंगलोर, 16 फरवरी सन् 2011, (कैथन्यूज़): मैंगलोर की एक नागरिक अदालत ने, एक काथलिक
लोकधर्मी समूह द्वारा, धर्माध्यक्ष के अधिकार को चुनौती देने के प्रयास को ख़ारिज कर
दिया है। कलीसियाई समितियों एवं संस्थाओं के लिये नियम तैयार करने के धर्माध्यक्ष के
अधिकार पर समूह ने सवाल उठाये थे।
मैंगलोर धर्मप्रान्त के वकील मेलविन पी.
नोरोना ने अदालत के निर्णय को "ऐतिहासिक" बताकर इसकी सराहना की तथा इसे भारतीय न्याय
प्रणाली की निष्पक्षता तथा कलीसिया के नियमों के प्रति सम्मान का एक उदाहरण निरूपित किया।
यूनाइटेड क्रिश्चियन एसोसिएशन और कई स्थानीय संगठनों ने नवम्बर माह में मामला
दायर किया था। हालांकि 11 फरवरी को अदालत ने कार्रवाई को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह
दावे के योग्य नहीं है।
मैंगलोर के काथलिक लोकधर्मी समूह ने धर्माध्यक्ष द्वारा
निर्मित उस नियम को चुनौती दी थी जिसके तहत कलीसियाई समितियों एवं परिषदों में कार्यरत
पल्लीवासियों के लिये कलीसिया अथवा पुरोहितों के खिलाफ मामला दायर करना वर्जित ठहराया
गया है।