राँची, 7 जनवरी, 2011 (राँचीएक्सप्रेस) पोप जोन पौल द्वितीय के राँची आगमन के 25 वर्ष
पूरे होने पर बेनेडिक्ट 16वें के प्रतिनिधि के रूप में 3 फरवरी को राँची पहुंचने पर
कार्डिनल मर्फी ओकोनर का भव्य स्वागत किया गया। शाम में संत जेवियर कालेज के सभागार
में " झारखंड की सामाजिक चिन्ताएं और आदिवासी समस्याएं " विषय पर आयोजित संगोष्ठी में
कार्डिनल मर्फी ने कहा कि " मैं यहां गंभीर मुद्दों को सुनने और सीखने के लिए आया हूँ।
गरीबी, विस्थापन और बेरोजगारी झारखंड की गंभीर समस्याएं हैं जिन्हें दूर करने के पूरे
प्रयास किये जायेंगे।" यहां सतत् विकास की ज़रुरत है और विकास के कई आयाम होते हैं।
इन्हीं में से एक है शिक्षा तथा शिक्षा विकास के लिए अहम हैं। सभी को अपनी-अपनी जिम्मेवारियों
का निर्वहन करना होगा।" इस अवसर पर बोलते हुए राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर
पी. टोप्पो ने कहा " झारखंड का विकास सभी को मिल-जुलकर करना है। हमें प्रेम की शिक्षा
मिली है। प्रेम के बगैर न्याय नहीं मिल सकता। बिना न्याय के शांति नहीं हो सकती है और
शांति के बगैर विकास नहीं हो सकता।" रांची येसु समाज के प्रोविंशियल सुपिरियर डॉ.
फादर रंजीत पास्कल टोप्पो ने कहा कि कहा कि चर्च आर्थिक-सामाजिक न्याय और सभी के सम्मान
पर विश्वास करता है। एक्सआईएसएस,राँची के निदेशक डॉ. फादर एलेक्स एक्का ने कहा कि
आज झारखंड को स्थायी विकास की जरूरत है, जो लोगों और प्रकृति के अनुकूल हो। पूर्व
महालेखाकार बेंजामिन लकड़ा ने कहा आदिवासियों के अस्तित्व का मुद्दा सबसे बड़ा और सबसे
गंभीर है। जल, जंगल और जमीन यानी पर्यावरण की सुरक्षा ही इसका हल है। गोस्सनर थियोलाजिकल
चर्च के प्राचार्य फादर टीएस सिरिल हंस ने कहाकि झारखंड का सामाजिक पुनरुत्थान करना होगा।
इस अवसर पर भारत में वेटिकन के राजदूत साल्वातोर पेनाकियो के अलावा धर्माध्यक्ष विनय
कंडुलना, संत जेवियर कालेज के प्राचार्य डॉ. फादर निकोलस टेटे, डा. शाहिद हसन, संजय बसु
मल्लिक, डॉ. मरियानुस कुजूर, कमलजीत कौर सहित अन्य लोग काफी संख्या में संगोष्ठी में
उपस्थित थे।