2011-02-05 14:21:36

संत पापा ने 5 नये धर्माध्यक्षों का अभिषेक किया


वाटिकन सिटी, 5 फरवरी, 2011 (सेदोक, वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 5 फरवरी शनिवार को रोम के संत पेत्रुस महागिरजाघर आयोजित समारोह में 5 धर्माध्यक्षों को अभिषिक्त किया।

संत पापा ने जिन्हें अभिषिक्त किया, उनमें हॉन्ग-कॉन्ग के सलेशियन मोन्सिन्योर सावियो होन ताई-फाई, मारचेलो बारतोलुच्ची, चेल्सो इरुजुबियेता मोराग, अन्तोनिया गुइदो फिलिपात्सी और एद्गार पेना पारा शामिल हैं।

संत पापा ने यूखरिस्तीय समारोह के समय अपने प्रवचन में पाँचों नव अभिषिक्त धर्माध्यक्षों की उदारता और सेवा के लिये उनकी सराहना की और कहा कि ईश्वर ने उन्हें रोमन कूरिया तथा प्रेरितों के उत्तराधिकारी के रूप में संत पापा के राजदूत बनने के लिये बुलाया है।

उन्होंने उनके लिये प्रार्थना करते हुए कहा कि पवित्र आत्मा उन्हें ईश्वर की दाखबारी में कार्य करने के उँजियाला प्रदान करे।

संत पापा ने कहा कि " यद्यपि ऐसा लगे कि लोग आज की दुनिया के लोग ईश्वर से दूर होते जा रहे हैं, और ऐसा सोचें कि विश्वास की बात करना इतिहास के कहानी बन कर रह गयी है, फिर भी ‘फसल तैयार है’। आज भी लोगों के दिल में ग़रीबी और दुःखों को दूर कर न्याय, प्रेम, शांति और आनन्द प्राप्ति की चाहत है।"

संत पापा ने कहा कि धर्माध्यक्षों का कार्य है येसु मसीह ईश्वर के पुत्र के कार्य को पवित्र आत्मा की शक्ति से पूरा करना।

उनका चार प्रमुख कार्य है जैसा कि प्रेरित चरित में प्रथम ख्रीस्तीयों के बारे में बताते हुए संत लूकस कहते हैं कलीसिया के चार प्रमुख तत्त्वों की चर्चा करते हैं उन्ही चारों बातों को पूरा करना धर्माध्यक्षों का कार्य है।

वे चार तत्त्व हैं विश्वास, सामूदायिक जीवन, यूखरिस्तीय समारोह और प्रार्थना जिनके द्वारा ही धर्माध्यक्ष येसु मसीह के कार्य को पूरा कर सकते हैं।

संत पापा ने नवअभिषिक्त धर्माध्यक्षों को ‘डुक इन अल्तुम’ अर्थात् ‘व्यक्तियों को पकड़ने वाले मछुवारे बनें’। संत पापा ने कहा कि वे येसु की सहायता से लोगों को अशांत समुद्र और अंधकारमय दुनिया से बाहर निकाल नया करने कार्य धर्माध्यक्षों का है।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों के लिये प्रार्थना करते हुए कहा कि वे एक मछुआरे के रूप में पवित्र आत्मा की शक्ति से विश्वास, आशा और प्रेम को लेकर सफलतापूर्वक समुद्री यात्रा पूर्ण करें।

















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