सन्त पापा जॉन पौल की भारत यात्रा की रजत जयन्ती की घोषणा
नई दिल्ली, 2 फरवरी 2011, (सी.बी.सी.आय.): भारतीय काथलिक कलीसिया ने स्व. सन्त पापा जॉन
पौल द्वितीय की भारत यात्रा की 25 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में दस दिवसीय रजत जयन्ती
के समारोहों की घोषणा की है।
नई दिल्ली, राँची, कोलकाता, कोचिन तथा मुम्बई में
उक्त समारोहों का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अपने
विशेष दूत वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल मरफी ओ-कोनोर को प्रेषित किया है।
मंगलवार
को नई दिल्ली स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूतावास में आयोजित, एक प्रेस सम्मेलन
में, भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष तथा मुम्बई के कार्डिनल ऑस्वर्ल्ड ग्रेशियस
ने कहा कि एक तीर्थयात्री तथा एक मित्र रूप में भारत पधारे सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय
ने भारतीय लोगों के दिलों में अपूर्व शुभेच्छा एवं सदभावना को जागृत किया था। उन्होंने
कहा कि भारतीय कलीसिया उन क्षणों को याद करना चाहती है क्योंकि अन्तरधार्मिक मैत्री एवं
शांति सम्बन्धी स्वर्गीय सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय के सन्देश आज भी समसामयिक हैं।
एशिया
समाचार से बातचीत में कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय एक नबी
थे जिन्होंने दूर दृष्टि के साथ अपनी प्रेरिताई का निर्वाह किया तथा साहसपूर्वक लोगों
को प्रेम की सभ्यता की ओर अग्रसर किया। उन्होंने कहा कि आज पहले से कहीं अधिक भारत को
धार्मिक स्वतंत्रता, धर्मों के बीच सम्वाद, सहिष्णुता एवं मैत्री का आवश्यकता है, इसीलिये
उक्त रजत जयन्ती की घोषणा की गई है जिसके दौरान, राँची, मुम्बई, कोचिन, कोलकाता तथा नई
दिल्ली में विचार गोष्ठियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं कार्यशिविरों का आयोजन किया
गया है।