नेपालः सरकार की हाँ के बावजूद, काठमाण्डू के निकट, ग़ैर हिन्दु दफन के अधिकार से वंचित
काठमाण्डू, 2 फरवरी, 2011 (एशिया न्यूज़): नेपाल में, सरकार की हाँ के बावजूद, काठमाण्डू
के निकट, ग़ैर हिन्दुओं को दफन के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
काठमाण्डू
के पशुपति मन्दिर के निकट श्लेषमन्तक वन में तनाव सघन हो रहे हैं। हाल ही में यह भूमि
ग़ैर हिन्दु धर्मानुयायियों को कब्रस्तान के लिये सौंपी गई थी। शामानी धर्म के अनुयायी
किराती जाति के लोगों ने हाल ही में हिन्दु चरमपंथियों द्वारा दफ़न क्रिया में धख़ल देने
का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था जिनके साथ नेपाल के ख्रीस्तीय, मुसलमान तथा
अन्य धर्मों के लोग जा मिले थे। पुलिस के साथ मुठभेड़ में 40 व्यक्ति घायल हो गये थे।
प्रधान मंत्री माधव कुमार ने स्थानीय अधिकारियों से कहा है कि वे ग़ैर हिन्दुओं
के लिये कोई और जगह ढूँढ़े किन्तु जब तक यह जगह नहीं मिल जाती ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों
को मृतकों को दफनाने की अनुमति है।
काठमाण्डू का पशुपति मन्दिर तथा उसका निकटवर्ती
वन क्षेत्र यूनेस्को द्वारा विश्व की धरोहरों में गिना गया है। तथापि कब्रस्तानों के
लिये भूमि के अभाव में ख्रीस्तीय, मुसलमान तथा बहाय धर्म के लोग वन क्षेत्र में ही अपने
मृतकों को दफनाते रहे हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता ख्रीस्तीय धर्मानुयायी के.बी.
रोकाया के ऊका समाचार से कहा, "कानून सबके लिये एक जैसा होना चाहिये। यदि सरकार ऐतिहासिक
महत्व एवं वैश्विक धरोहर की रक्षा के नाम पर वन क्षेत्र के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाती
है तो इस जगह पर न ही मृतकों को दफनाया जाना चाहिये और न ही उन्हें जलाया जाना चाहिये।
हिन्दु हों अथवा ग़ैर-हिन्दु सभी पर प्रतिबन्ध लागू होना चाहिये।"