काठमाण्डू: भूटान की सरकार ख्रीस्तीय मिशन को मान्यता नहीं देती, निष्कासित परामर्शदाता
का आरोप
पहली फरवरी, सन् 2011 (एशिया न्यूज़): भूटान में एक ख्रीस्तीय मिशन को मान्यता मिलने
की ख़बर कई अन्तरराष्ट्रीय एजेन्सियों द्वारा दी गई थी किन्तु भूटान से निष्कासित शाही
परामर्शदाता तेक नाथ रिज़ाल का कहना है कि यह भूटानी सरकार का मिथ्या प्रचार है कि वह
सब धर्मों का सम्मान करती है।
तेक नाथ रिज़ाल भूटानी स्वतंत्रता अभियान के अध्यक्ष
हैं तथा निष्कासन के बाद से नेपाल में शरण ले रहे हैं। उन्होंने एशिया समाचार को बताया
कि भूटानी सरकार केवल प्रचार करती है कि वह सब धर्मों को स्वीकार करती है जबकि असली स्थिति
यह है के धर्म के कारण अनेक लोगों को भेदभाव एवं उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
हाल
के दिनों में अनेक एजेन्सियों ने ख़बर दी है कि भूटानी सरकार ख्रीस्तीयों को संगठन के
रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देगी जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक रूप से ख्रीस्तीय
विश्वासी आराधना अर्चना कर सकेंगे। यह भी बताया गया कि दो भारतीय काथलिक धर्मसमाजों ने
भूटान में अपने मिशन केन्द्रों की स्थापना का भी ऐलान कर दिया है।
रिज़ाल ने
इस बात पर बल दिया कि ख्रीस्तीयों का किसी भी प्रकार पंजीयन भेदभाव की वर्तमान स्थिति
को नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि साधारण पंजीयन द्वारा भूटानी सरकार धार्मिक स्वतंत्रता
नहीं प्रदान कर रही अपितु इसकी आड़ में वह धार्मिक संगठनों पर पूर्ण नियंत्रण रखना चाहती
है।
शताब्दियों के शाही राजतन्त्र के बाद सन् 2006 में भूटान सरकार ने प्रजातंत्रवाद
को प्रोत्साहन देना आरम्भ किया है तथापि भूटान पर मानवाधिकारों के उल्लंघन एवं अल्पसंख्यकों
के उत्पीड़न का आरोप लगाया जाता रहा है।