उड़ीसाः हिन्दु चरमपंथियों द्वारा मारे गये पादरी की पत्नी को पुलिस की धमकी
पहली फरवरी, सन् 2011 (एशिया न्यूज़): उड़ीसा में ख्रीस्तीय विरोधी भेदभाव जारी है। कंधामाल
ज़िले के पोकाला गाँव में पुलिस ने हत्या के शिकार बनाये गये पेन्टेकॉस्टेल चर्च के पादरी
सौल प्रधान की पत्नी निमाता प्रधान से कहा है कि वे अपने पति की मौत के विषय में पूछताछ
करना बन्द कर दें। पादरी सौल प्रधान की हत्या 11 जनवरी को कर दी गई थी। पुलिस ने यह मांग
भी की है कि मर्द प्रधान और बैजू मलिक पर लगाये हत्या के आरोप को वे वापस ले लें।
श्रीमती
निमाता प्रधान ने एशिया समाचार से कहा, "हम चार बार मेरे पति की पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट
लेने पुलिस के पास गये किन्तु रिपोर्ट देने के बजाय पुलिस ने सलाह दी कि हम शिकायत को
वापस ले लें। हमने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।"
हत्या पर पर्दा डालने के इरादे
से पुलिस ने जाँचपड़ताल में हेराफेरी की तथा दावा किया कि पादरी की मौत डूबने से हो गई
थी। उनका शव एक तलाब के निकट पाया गया था।
पादरी के समुदाय के सदस्य एवं उनके
परिजनों का कहना है कि जब उनका शव पाया गया तब पादरी के पाँव टूटे हुए थे तथा मुँह और
छाती पर घाव बने हुए थे।
स्थानीय हिन्दु नेताओं ने पादरी प्रधान को हाल में हिन्दु
धर्म अपनाने की धमकियाँ दी थीं।
इसके अतिरिक्त, चश्मदीद गवाहों का कहना है कि
सन् 2008 की ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा में सक्रिय हिन्दु चरमपंथी एवं भारतीय जनता पार्टी
के नेता मनोज प्रधान ने पादरी के शव को छिपाने में अहं भूमिका निभाई थी। बताया जाता है
कि पोस्टमॉर्टम करनेवाले चिकित्सकों से उन्होंने कहा था कि वे शरीर को छिपा दें तथा बिना
जाँच किये ही दफना दें।