पापा जोन पौल द्वितीय के कोलम्बिया की प्रेरितिक यात्रा के 25 वर्ष पूरे
वाटिकन सिटी, 29 जनवरी, 2011 (ज़ेनित) संत पापा जोन पौल द्वितीय के कोलम्बिया की प्रेरितिक
यात्रा के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कोलम्बियन राजदूतावास ने एक शैक्षणिक सेमिनार
का आयोजन कर रहा है। इस सेमिनार को " जोन पौल द्वितीय और कोलम्बिया में उनकी छापः
25 साल बाद " कहा गया है। ज़ेनित समाचार के अनुसार इस सेमिनार में कोलम्बियन विश्वविद्यालयों
और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। वे इस बात पर चिन्तन करेंगे कि पोप जोन पौल
द्वितीय की कोलोम्बिया की प्रेरितिक यात्रा ने मानव की मर्यादा, परिवार, शिक्षा, युवा,
न्याय और आपसी संबंध को किस तरह से प्रभावित किया है। कोलोम्बियन राजजूतावास के अनुसार
राष्ट्रपति जुवाल मनुएल संतोष 3 मार्च को इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। समाचार के
अनुसार पूर्व राष्ट्रपति बेलिसारियो बेतांकुर भी इस सम्मेलन में उपस्थित होंगे जिन्होंने
संत पापा जोन पौल बोगोटा पहुँचने पर स्वागत किया था। विदित हो कि संत पापा जोन पौल
द्वितीय ने 1-7 जुलाई सन् 1986 ईस्वी में कोलम्बिया की यात्रा की थी। उस समय उन्होंने
कोलम्बियावासियों को " प्रेम की सभ्यता " विषय पर अपने संदेश दिये थे। लोगों को संबोधित
करते हुए संत पापा ने कहा था कि मानव के मौलिक एवं सामाजिक अधिकारों और स्वतंत्रता को
बचाया और सुरक्षित रखा जाना चाहिये। कोलम्बिया के राजदूत चेसार मौरिचियो ने बताया
कि संत पापा जोन पौल द्वितीय के कोलोम्बिया जाने के 25 वर्ष और इसी वर्ष उनके धन्य घोषित
होने के समाचार से देशवासियों में उनके प्रति अपार प्रेम और सराहना की भावना बढ़ी है।
कई लोगों ने 25 वर्ष पुरानी याद को ताज़ा करते हुए लिखा है कि संत पापा जोन पौल द्वितीय
के कोलोम्बिया आना उनके लिये वरदान सिद्ध हुआ था। एक महिला ने कोलोम्बियन राजदूतावास
में लिखे अपने ईमेल पत्र में कहा है कि " संत पापा जोन पौल द्वितीय के कोलोम्बिया पहुँचते
ही वह चलने लगी।" एक पत्रकार ने लिखा की संत पापा जोन पौल द्वितीय के कोलोम्बिया
पदार्पण के बाद हिंसक वारदातों में भारी कमी आयी। कई लोग पापस्वीकार और यूखरिस्तीय संस्कारों
में हिस्सा लेने लगे। राजदूत ने कहा " संत पापा जोन पौल द्वितीय उनके मित्र रहे और
उन्होंने उन सभी मानवीय चुनौतियों, प्रलोभनों और समस्याओं का सामना करते हुए अपनी मंजिल
पहुँचे।