ईसाई और मुसलमान नेता धार्मिक कट्टरवाद पर चर्चा करेंगे
दोहा,कतार 29 जनवरी, 2011 (ज़ेनित) अरब लीग ने 2 और 3 फरवरी को दोहा में ईसाई और इस्लाम
नेताओं की एक सभा बुलाई है जिसमें धार्मिक कट्टरवाद और येरूसालेम में हुए अंतरधार्मिक
विवादों पर विचार किया जायेगा। इस सभा में येरूसालेम के लैटिन पैट्रियार्क महाधर्माध्यक्ष
फौआद त्वाल भाग ले रहे हैं। महाधर्माध्यक्ष त्वाल ने एसआईआर समाचार सूत्रों को बताया
कि " इस पहल का कारण मिश्र के अलेक्सान्द्रिया और बगदाद में हुई हत्यायें और उसके बाद
हुई विश्वव्यापी निन्दा ही रहा है।" विदित हो कि 31 अक्तूबर 2010 को ईराक के बगदाद
के सीरियन कैथोलिक कथीड्रल में ईसाई-विरोधी हमले में 50 लोगों की जानें गयीं थी और 1
जनवरी को अलेक्सांद्रिया के कोपटिक चर्च में हुए हमले में 21 लोगों की मौत हो गयी थी। महाधर्माध्यक्ष
के अनुसार इन हत्याओं के बाद मिश्र और ईराक के राजनीतिक और धार्मिक नेताओं में कट्टरवाद
से होने वाले खतरे के प्रति जागरुकता आयी है। महाधर्माध्यक्ष त्वाल ने कहा कि "
अलेक्सांद्रिया में ईसाइयों पर किये गये हमले के जो सकारात्मक परिणाम सामने आये है वह
है नेताओं के द्वारा इस बात को समझना कि कट्टरवाद से किसी को लाभ नहीं है।" उन्होंने
कहा कि दोहा में होने वाली प्रस्तावित सभा में येरूसालेम और कट्टरवाद के बारे में चर्चा
होगी। उन्होंने कहा " अरब के बुद्धिजीवियों ने इस संब्ध में सटीक टिप्पणियाँ की है और
लोगों को कट्टरवाद के ख़तरों के प्रति आगाह किया है।" महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि
इसी जागरुकता के कारण मुस्लिम और ईसाई नेताओं की सभा बुलायी गयी है और उनका विश्वास है
कि यह सफल होगा। उन्होंने बताया कि अलेक्सांद्रिया में कई मुसलमानों ने अस्पताल जाकर
घायल ईसाइयों के लिये रक्त दान किया था। उनका मानना है कि " ऐसे दुःखद पलों के बाद
लोगों में मानवता की भावना जग रही है और वे एक साथ मिल कर रहने, काम करने और शांतिपूर्ण
सहअस्त्वि और सहनशीलता के साथ जीने की प्रेरणा पा रहे हैं।