वाटिकन सिटी, 21 जनवरी, 2011 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने परंपरागत संत अग्नेस
का महोत्सव मनाते हुए दो मेमनों को आशिष दी जिनके ऊन का प्रयोग पाल्लयुम बनाने के लिये
किया जायेगा। ज्ञात हो कि वाटिकन में आयोजित परंपरागत आशिष समारोह में तहत् प्रत्येक
वर्ष संत अग्नेस के पर्व के दिन संत पापा दो मेमनों को आशिष दिया करते हैं। उन मेमनों
के ऊन से पालयुम तैयार किया जायेगा जिसे 29 जून को मनाये जाने वाले संत पीटर और पौल के
अवसर पर नये मेट्रोपोलिटन महाधर्माध्यक्षों को प्रदान किया जाता है। पाल्लयुम नये
महाधर्मध्यक्षों को दिया जाने वाला एक परिधान हैं सफेद कढ़ाई की जाती है और जिसमें छः
क्रूस बने होते हैं। इसे कंधे पर पहना जाता है और इसका एक भाग सामने और एक भाग पीछे
की ओर झूलता है। यह वस्त्र महाधर्माध्यक्षों और संत पापा के द्वारा प्रयोग किया
जाता है। पाल्लयुम अधिकार का प्रतीक है और इस बात को भी दिखाता है कि महाधर्माध्यक्षों
का संत पापा के साथ विशेष संबंध है। परंपरा के अनुसार रोम की दीवार के बाहर अवस्थित
संत अग्नेस महागिरजाघर की धर्मबहनें प्रत्येक वर्ष संत पापा को दो मेमनों का उपहार देतीं
हैं। इन मेमनों से ऊन निकालने की ज़िम्मेदारी पनिसपेरना की रोमन कोन्वेन्ट ऑफ संत
लोरेन्स की धर्मबहनों को दिया जाता है। रोम के तरस्तेभेरे स्थित संत सिसिलिया कोन्वेन्ट
की बेनेदिक्त की धर्मबहनें इससे पाल्लयुम तैयार करतीं हैं।