2011-01-18 12:26:42

नई दिल्लीः भारत में प्रति चार मिनट एक आत्महत्या जिनमें युवाओं एवं किसानों की संख्या अधिक


भारत के नेशनल क्राईम रेजिस्ट्रेशन ब्यूरो द्वारा हाल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में प्रति चार मिनट एक आत्महत्या होती है। आत्महत्या करनेवालों में युवाओं एवं किसानों की संख्या सबसे ज़्यादा है।

नेशनल क्राईम रेजिस्ट्रेशन ब्यूरो द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार सन् 2009 में एक लाख 27 हज़ार आत्महत्याएँ दर्ज़ की गईं। यह भी बताया गया कि भारत में अधिकांश आत्महत्याएं पारिवारिक कारणों से अथवा रोगों से जुड़ी होती हैं। सन् 2009 में 26,731 व्यक्तियों ने बीमारी के कारण आत्महत्या कर ली, इनमें 8,469 आत्महत्याओं का कारण दिमाग़ी बीमारी था। एड्स और यौन सम्बन्धी बीमारियों के कारण आत्महत्या करनेवालों की संख्या 2009 में 677 रही।

रिपोर्ट में कहा गया कि बीमारी के अतिरिक्त आर्थिक तंगी के कारण भी बहुत से लोग आत्महत्या को मुक्ति का रास्ता मान लेते हैं। आर्थिक तंगी की वजह से 3162 लोगों ने आत्महत्या की जो पिछले साल के मुक़ाबले छह प्रतिशत अधिक है।

आंकड़ों के अनुसार 2009 में पारिवारिक कारणों से 30082 व्यक्तियों ने आत्महत्या की जो कुल आत्महत्याओं का लगभग 24 प्रतिशत है। यौन दुराचार से पीड़ित 320 व्यक्तियों ने आत्महत्या कर ली, जबकि दहेज़ सम्बन्धी उत्पीड़न के कारण 2,921 आत्महत्याएँ हुईं। साथ ही अनचाहे गर्भ की वजह से भी 141 लड़कियों ने आत्महत्या की। इसके अतिरिक्त, प्यार में मात खाए 3711 लोगों ने, परीक्षा में विफल हुए 2010 व्यक्तियों ने, ग़रीबी की वजह से 2987 व्यक्तियों ने तथा बेरोज़गारी के कारण 2472 लोगों ने आत्महत्या की।

रिपोर्ट में इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया गया कि महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश में ग़रीब किसान आत्महत्या को ही विकल्प मान रहे हैं। सन् 2009 में आत्महत्या करनेवाले किसानों की संख्या 17, 368 रही।

 







All the contents on this site are copyrighted ©.