वाटिकन प्रवक्ता द्वारा पोलिस पोप की विरासत पर चिन्तन
वाटिकन सिटी, 15 जनवरी, 2011 (ज़ेनित) वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर फेदेरिको
लोमबार्दी ने कहा कि संत पापा जोन पौल द्वितीय की इच्छा थी कि पूरी कलीसिया येसु की "
सांत्वनादायक और उत्साहवर्द्धक दृष्टि " की ओर ओर नज़र दौड़ायें । सौभाग्य से उसी
‘डिवाइन मर्सी संडे’, 1 मई को उन्हें धन्य घोषित किया जायेगा। फादर लोमबारदी ने
उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम के " ऑक्तावा
दियेस " नामक कार्यक्रम में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें द्वारा संत पापा जोन पौल द्वितीय
की मध्यस्थता से हुए चमत्कार को स्वीकार करने और धन्य घोषणा समारोह के तिथि की घोषणा
के बारे में अपने विचार व्यक्त किये । विदित हो कि संत पापा जोन पौल द्वितीय 1
मई, डिवाइन मर्सी रविवार को धन्य घोषित किये जायेंगे जब उनकी मृत्यु के ठीक 6वाँ साल
पूरा होगा। फादर लोमबारदी ने बताया कि संत पापा जोन पौल का समय दो सदियों के बीच
का एक ऐसा महत्वपूर्ण काल था जिसमें संत पापा ने दुनिया को यह संदेश दिया कि वे सान्त्वना
और उत्साह देनेवाले ईश्वरीय दया येसु को जानें। फादर लोमबारदी ने कहा कि " संत पापा
जोन पौल द्वितीय का आनन्द पूर्ण होगा क्योंकि वे खुद ही चाहते थे कि पूरी दुनिया दयालु
येसु की ओर देखें और प्रार्थना करें " । फादर लोमाबारदी ने कहा कि " कलीसिया विश्वास
करती है कि कोरोल वोयतिला ने ख्रीस्तीय जीवन का अनुकरणीय साक्ष्य प्रस्तुत किया है। संत
पापा निश्चय ही एक मित्र और मध्यस्थ के रूप में लोगों को ईश्वर तक पहुँचने में सहायक
सिद्ध होंगे।" जेस्विट फादर ने कहा संत पापा जोन पौल द्वितीय के कार्य महान् हैं
" पर आज हम उनके उन कार्यों पर अपना ध्यान केन्द्रित नहीं कर रहे हैं पर उनके विश्वास,
प्रेम और आशा पर जो कि उनके जीवन के आध्यात्मिक श्रोत रहे हैं। फादर ने कहा कि संत पापा
जोन पौल ने अपने पोप काल में इस बात को लोगों को बताने का प्रयास किया कि दुनिया और विशेषकर
युवा येसु को अपना मुक्तिदाता और मसीहा माने। फादर लोमबारदी ने कहा कि संत पापा के
कार्यों की इसलिये सराहना की जानी चाहिये क्योंकि वे ईश्वर के साथ आत्मीय और सच्चे संबंध
की अभिव्यक्ति हैं। उनका जीवन येसु ख्रीस्त के प्रेम लोगों के प्रेम विशेष करके गरीब
और ज़रूरतमंदों और माता मरिया के प्रति उसके प्रेम की अभिव्यक्ति रहा है। वाटिकन
प्रवक्ता ने कहा कि संत पापा जोन पौल द्वितीय बीमारों और दुःखियों इसके साथ ही उनके अपने
जीवन के दुःखों को धैर्यपूर्वक सहने और मजूबत विश्वास के साथ ईश्वरीय और दुनिया के समक्ष
जीवन जीने के लिये भी याद किये जायेंगे।