पोप जोन पौल द्वितीय पहली मई को धन्य घोषित किये जायेंगे
वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदेरिको लोम्बार्दी ने बताया कि वंदनीय प्रभु सेवक संत पापा
जोन पौल द्वितीय रविवार 1 मई को वाटिकन में आयोजित धन्य घोषणा समारोही ख्रीस्तयाग में
धन्य घोषित किये जायेंगे। इस समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता संत पापा बेनेडिक्ट 16
वें करेंगे। 1 मई, पास्का का दूसरा रविवार तथा ईश्वर की दिव्य करूणा को समर्पित रविवार
है।
कलीसियाई अधिकारियों के अनुसार प्रभु सेवक जोन पौल द्वितीय की धन्य घोषणा
के लिए स्वीकार किया गया चमत्कार फ्रांस की 48 वर्षीय धर्मबहन सिस्टर मारि सिमोन पिय़ेर
का प्रकरण है जो पार्किन्सन की बीमारी से पीडित थीं। उन्होंने कहा कि उनकी बीमारी पोप
जोन पौल द्वितीय के निधन के दो माह बाद आश्चर्यजनक रूप से समाप्त हो गयी जब उन्होंने
अपनी सहयोगी धर्मबहनों के साथ पोप की मध्यस्थता से प्रार्थना की।
काथलिक कलीसिया
द्वारा नियुक्त डाक्टरों ने सहमति व्यक्त की कि उक्त धर्मबहन की चंगाई के लिए कोर्इ चिकित्सीय
व्याख्या नहीं दी जा सकती है हालांकि विगत साल चमत्कार की वैधता के संबंध में कुछ संदेह
था। संत घोषणा प्रकरण परिषद के अध्यक्ष के अनुसार संत पापा जोन पौल द्वितीय के धन्य और
संत घोषणा प्रकरण मामले की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए व्यापक रूप से जाँच की गयी
है ताकि किसी प्रकार का संदेह नहीं रहे।
धन्य घोषणा समारोह की समाप्ति के बाद
यदि संत पापा जोन पौल द्वितीय की मध्यस्थता से और एक चमत्कार हो जाता है तो उन्हें संत
घोषित किया जायेगा। 8 अप्रैल 2005 को संत पापा जोन पौल द्वितीय की अंत्येष्टि धर्मविधि
के समय उपस्थित भीड़ उन्हें शीघ्र संत घोषित किये जाने की माँग कर रही थी। उनके निधन
के एक माह बाद मई 2005 में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कलीसियाई विधान से कूछ छूट देते
हुए संत पापा जोन पौल द्वितीय के धन्य और संत प्रकरण प्रक्रिया के लिए जाँच आरम्भ करने
की अनुमति दी। सामान्य तौर पर धन्य और संत घोषित करने के लिए ख्रीस्तीय और मसीही विश्वास
का वीरोचित साक्ष्य देनेवाले उम्मीदवार व्यक्ति की मृत्यु के पाँच वर्ष बाद ही जाँच प्रक्रिया
आरम्भ की जा सकती है।