2011-01-13 15:39:00

पाकिस्तानी कलीसियाई अधिकारी के अनुसार ईश निन्दा कानून पर आधिकारिक टिप्पणी रूकावट है


पाकिस्तान में काथलिक अधिकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रजा गिलानी के कथन पर निराशा व्यक्त की है कि देश के ईश निन्दा कानून में कोई संशोधन नहीं किया जायेगा जिसके अनुसार पैगंबर मुहम्मद या पाक कुरान का अपमान करने के लिए दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सज़ा देने का प्रावधान है।
पाकिस्तान काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष लाहौर के महाधर्माध्यक्ष लौरेंस सल्दान्हा ने प्रधानमंत्री की उक्त टिप्पणी के बारें में 12 जनवरी को काथलिक न्यूज सर्विस से कहा कि यह रूकावट है, हमें इसे अपने पक्ष में लेकर आगे बढ़ना होगा। न्याय और शांति संबंधी कलीसियाई राष्ट्रीय समिति के कार्यकारी सचिव पीटर जेकब ने कहा कि उन्हें वास्तव में बहुत निराशा है तथापि उनका विचार है कि उक्त संवेदनशील मुद्दे पर इस प्रकार की बातें कहने के लिए गिलानी साहब पर अपने राजनैतिक दबाव होंगे।
342 सदस्यीय राष्ट्रीय असेम्बली में गिलानी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की गठबंधन सरकार में प्रमुख दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के केवल 125 सीट हैं और यह सरकार के अस्तित्व हेतु समर्थन पाने के लिए इस्लामी समर्थक पार्टियों और कुछेक स्वतंत्र सांसदों के समर्थन पर निर्भर है। सिटीजन्स फओर डेमोक्रेसी की प्रमुख सदस्य बीना सरवर जो ईशनिन्दा कानून के दुरूपयोग किये जाने के खिलाफ अभियान चलाती रही हैं उन्होंने सीएनएस से कहा कि संशोधन से इंकार करने संबंधी टिप्पणी से ऐसा प्रतीत होता है कि यह राजनैतिक कदम है।








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