2011-01-12 12:49:54

जैरूसालेमः विश्व ख्रीस्तीय धर्मानुयायी होने की भारी क़ीमत को देख रहा है, प्राधिधर्माध्यक्ष त्वाल


जैरूसालेम में लातीनी रीति के काथलिक धर्मानुयायियों के धर्मगुरु प्राधिधर्माध्यक्ष फाओद त्वाल ने कहा कि विगत चार माहों में ख्रीस्तीय समुदायों पर दो जान लेवा आक्रमण और 80 ख्रीस्तीयों की हत्या इस बात का प्रमाण है कि येसु ख्रीस्त के साक्षी बनने की क़ीमत बहुत ऊँची हो सकती है।

पवित्र भूमि में काथलिकों तथा अन्य ख्रीस्तीय कलीसियाओं की उपस्थिति तथा उनके समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों पर विचार विमर्श हेतु गुरुवार तक जैरूसालेम शहर में सम्मेलन जारी है जिसमें पवित्रभूमि के धर्माध्यक्षों के साथ साथ यूरोप, अमरीका, कनाडा तथा यूनाईटेड किंगडम के ख्रीस्तीय धर्माधिकारी भी भाग ले रहे हैं।

प्राधिधर्माध्यक्ष त्वाल ने सम्मेलन का उदघाटन करते हुए 31 अक्टबूर को बगदाद के मरियम महागिरजाघर तथा पहली जनवरी को मिस्र के कॉप्टिक काथलिक गिरजाघर पर किये गये हमलों का ज़िक्र किया जिनमें 80 व्यक्तियों की हत्या हो गई तथा दो सौ से अधिक घायल हो गये।

प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा, "हमारी बैठक उस समय हो रही है जब सम्पूर्ण विश्व त्रासदिक तरीके से इस बात के प्रति सचेत हो रहा है कि प्रभु ख्रीस्त के साक्षी बनने का क्या अर्थ हो सकता है।" उन्होंने कहा कि अब उन वाक्यों के अर्थ को भली भाँति समझा जा सकता है जो, अक्टूबर माह में, मध्यपूर्व के लिये वाटिकन में सम्पन्न, धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के समय धर्माचार्यों ने सन्त पापा को लिख भेजी थी। इनमें उन्होंने लिखा था, "शांति निर्माता हेतु हमारी बुलाहट का अर्थ है प्रभु येसु ख्रीस्त के क्रूस के भी भागीदार बनना।"







All the contents on this site are copyrighted ©.