कुवैत सिटीः कुवैती एवं साऊदी बुद्धिजीवियों द्वारा ख्रीस्तीयों पर आक्रमण की निन्दा
कुवैत तथा साऊदी अरब के लगभग साठ शिक्षकों, लेखकों एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने
एक वकतव्य प्रकाशित कर अरब एवं मुसलमान जगत में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों पर अनवरत जारी
आक्रमणों की कड़ी निन्दा की है।
मुसलमान बहुल देशों में, ख्रीस्तीय नागरिकों
के विरुद्ध, नित्य बढ़ते भेदभाव तथा हाल की हत्याओं एवं आतंकवादी आक्रमणों की भी बुद्धिजीवियों
ने भर्त्सना की और कहा आतंकवादी दल ख्रीस्तीय नागरिकों को उनके घरों से बेघर कर, अन्यत्र
पलायन हेतु बाध्य कर रहे हैं तथा अपनी मातृभूमि का परित्याग कर आप्रवासी बनने पर मजबूर
कर रहे हैं।
इस बीच, मिडिल ईस्ट ऑनलाईन वेब पेज ने मंगलवार को, अमरीका में निवास
करनेवाले मुसलमान लेखक हेशम ए. हस्साबाल्ला के चिन्तन को प्रकाशित कर कहा है कि इस्लाम
धर्म, ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों एवं ख्रीस्तीय गिरजाघरों के विरुद्ध आक्रमण की निन्दा
करता है। अपने वकतव्य के समर्थन में उन्होंने हज़रत मुहम्मद के कुछ कथनों का भी सन्दर्भ
दिया।
मुहम्मद साहब के शब्दों में, "ख्रीस्तीय एवं मुसलमान उसके नागरिक हैं,
भिन्न विश्वास वाले किन्तु एक ही लोग।" जीवन की पवित्रता एवं आराधना स्थलों की पवित्रता
का स्मरण दिलाकर बुद्धिजीवियों ने उक्त आक्रमणों के बारे में अपने वकतव्य में कहा, "यह
अपराध और भी अधिक घृणित है क्योंकि यह हज़रत मुहम्मद के आदेश का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।"