इंडोनेशिया, 8 जनवरी, 2011( उकान) इंडोनेशिया के चर्च के नेताओं ने इस्लामिक कट्टरवादी
दल की उस धमकी की आलोचना की है जिसमें दल के मुसलमानों ने पश्चिमी जावा में होने वाले
‘धार्मिक स्वतंत्रता और असहिष्णुता के शिकार’ विषय पर होने वाले सेमिनार पर बाधा डालने
का मन बनाया था।
धमकीपूर्ण विरोध के कारण 6 जनवरी से होनेवाली सभा को रद्द
करना पड़ा।
इंडोनिशिया धर्माध्यक्षीय समिति के अंतरधार्मिक और अंतरकलीसियाई
वार्ता विभाग के सचिव और सेतारा इंस्टिट्यूट के निदेशक फादर अंतोनियुस बेन्नी सूसेतियो
ने कहा कि कट्टरवादियों के सभा में व्यवधान डालने की मंशा की हम कड़ी आलोचना करते हैं।
इस सभा का मकसद था असहिष्णुता के शिकार लोगों की समस्याओं का समाधान करना।
फादर अंतोनियुस ने बताया कि सभा के कार्यक्रम के अनुसार सभा में उन 25 लोगों
को भी प्रस्तुत किया जाना था जो धार्मिक असहिष्णुता के शिकार हो गये थे।
सभा
के पूर्व ही कई कट्टरवादी मुसलमानों ने अपने को इस्लामिक डिफेन्डर फ्रंट का सदस्य बताते
हुए धमकी दिया कि वे सभा की कार्यवाही पूरा नहीं होने देंगे। इतना ही नहीं पश्चिमी जावा
के 10 अन्य मुसलिम दल के प्रतिनिधि भी सभा स्थल पर आ पहुँचे और अपना विरोध प्रदर्शन
किया जिसके कारण सभा को रद्द कर दिया गया ।
सभा की विषय वस्तु थी
‘एलिमिनेटिंग डिसक्रिमिनेशन, प्रोमोटिंग प्रोटेक्शन एंड रेलिजियस फ्रीडम गारंटी’ अर्थात्
‘भेदभाव की अंत और धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी और विस्तार’।
फादर ने कहा
इस प्रकार प्रदर्शन आम लोगों के एक साथ जमा होने और अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने
के अधिकार का हनन है।
उन्होंने पुलिस की कायरता की निन्दा करते हुए कहा कि
पुलिस भी कट्टवादी लोगों से " भयभीत " थी और उन्हें रोक पाने में अक्षम रही।
विदित
हो कि पश्चिमी जावा में सेतारा संस्थान ने धार्मिक व विश्वास स्वतंत्रता के लिये सदा
कार्य किया है।