2011-01-04 12:43:45

वाटिकन सिटीः मिस्र में हिंसक आक्रमण के विषय में सन्त पापा के शब्द बिल्कुल स्पष्ट, फादर लोमबारदी


मिस्र में पहली जनवरी को एलेकेज़ेनड्रिया के एक कॉप्टिक काथलिक गिरजाघर पर आत्मघाती हमले के बाद सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा कहे शब्दों पर उठे विवाद का उत्तर देते हुए वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने सोमवार को कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें हिंसा की सदैव निन्दा करते रहे हैं तथा पहली जनवरी को कहे उनके शब्द भी बिल्कुल स्पष्ट हैं।

ग़ौरतलब है कि पहली जनवरी को एलेक्ज़ेनड्रिया के कॉप्टिक काथलिक गिरजाघर पर एक आत्मघाती बम विस्फोट किया गया था जिसमें 22 व्यक्तियों प्राण चले गये हैं तथा अन्य अनेक घायल हो गये हैं। इस आक्रमण के बाद सन्त पापा ने कड़े शब्दों में हिंसा की निन्दा की थी और कहा था कि ईराक एवं मिस्र में ख्रीस्तीय समुदायों के विरुद्ध आक्रमण ईश्वर एवं मानव जाति के विरुद्ध किये जा रहे अपराध हैं।

मिस्र स्थित अल अज़हर इस्लामी विश्वविद्यालय के ईमाम, अहमद अल ताईब, ने सन्त पापा के इन शब्दों को मिस्र के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप बताकर उनकी आलोचना की थी। इसी के प्रत्युत्तर में सोमवार को वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता फादर लोमबारदी ने एक अधिसूचना जारी कर विश्व के अनेक क्षेत्रों में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध अनवरत जारी हिंसक हमलों पर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें एवं वाटिकन की स्थिति को स्पष्ट किया।

फादर लोमबारदी ने कहा कि अल अज़हर के ईमाम द्वारा जारी आधिकारिक वकतव्य में एलेक्ज़ेनड्रिया के आक्रमण की कड़ी निन्दा की गई है तथा इसके लिये ईमाम ख़ुद कॉप्टिक ख्रीस्तीयों के धर्मगुरु पोप शिनोडा से मिले हैं इसलिये ऐसे संवेदनशील क्षण में विवादों को उछालना उचित नहीं। उन्होंने कहा कि सन्त पापा ने कॉप्टिक समुदाय के प्रति सहानुभूति का प्रदर्शन किया है किन्तु साथ ही उन्होंने हिंसा से पीड़ित ख्रीस्तीय और मुसलमान दोनों समुदायों के प्रति चिन्ता व्यक्त की है इसलिये उनके शब्दों को हस्तक्षेप बताना सरासर ग़लत है।

सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के वकतव्यों के विषय में उन्होंने कहा कि सन्त पापा सदैव हिंसा का खण्डन करते रहे हैं, हिंसा और आतंकवाद से पीड़ित समुदायों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करते रहे हैं, अल्पसंख्यक ख्रीस्तीयों की धार्मिक स्वतंत्रता को कुण्ठित किये जाने पर विरोध प्रकट किया है तथा सभी धर्मों के अनुयायियों के लिये धर्मपालन की स्वतंत्रता का आह्वान करते रहे हैं जैसा कि उन्होंने विश्व शांति दिवस पर जारी अपने सन्देश में किया है।

फादर लोमबारदी ने स्मरण दिलाया कि सन्त पापा ने केवल ख्रीस्तीयों के विरुद्ध ही नहीं अपितु अन्य धर्मों के लोगों के विरुद्ध भी अनेक बार हिंसा की निन्दा है जैसा कि उन्होंने हाल में ईराक के राजदूत के समक्ष हिंसा से पीड़ित निर्दोष मुसलमानों एवं ख्रीस्तीयों के प्रति चिन्ता जताई थी। उन्होंने कहा कि इस समय आवश्यकता है आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होने की ताकि नागरिकों को सुरक्षा का आश्वासन दिया जा सके।







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