2011-01-04 12:47:57

उड़ीसाः हिन्द धर्मानुयायी को अन्तिम संस्कार से वंचित किये जाने की ख्रीस्तीय नेताओं ने की निन्दा


उड़ीसा के कलीसियाई नेताओं ने एक 83 वर्षीय हिन्दु धर्मानुयायी को, अन्तिम संस्कार से वंचित किये जाने की कड़ी निन्दा की है।

कटक-भूबनेश्वर महाधर्मप्रान्त की सामाजिक सम्प्रेषण समिति के अध्यक्ष, काथलिक पुरोहित, फादर सन्तोष दिगाल ने कहा, "यह संवैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण है। धर्म और जाति के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध भेदभाव नहीं होना चाहिये।"

27 दिसम्बर को कन्धामाल ज़िले के मिलसिकिया गाँव में सुबरना दिगाल नामक एक दलित की मृत्यु हो गई थी। किन्तु जब उनके सगे सम्बन्धी उनकी दहन क्रिया के लिये उन्हें शमशान ले जा रहे थे तब उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक हिन्दु दल के लोगों ने केवल इसलिये रोक दिया क्योंकि ईसाईयों के साथ उनके अच्छे सम्बन्ध थे।

मृत व्यक्ति के एक सम्बन्धी माण्ड्या दिगाल ने ऊका समाचार को बताया, "उन्होंने हमें धमकी दी और शमशान से चले जाने के लिये बाध्य किया। इसके बाद हमें शव को दहन के लिये बहुत दूर ले जाना पड़ा।" उन्होंने बताया कि अब चरमपंथी उनपर दबाव डाल रहे हैं कि वे अपने उन रिश्तेदारों से नाता तोड़ लें जिन्होंने ख्रीस्तीय धर्म अपना लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि चरमपंथी उन्हें कुएँ से पानी भी नहीं लेने दे रहे हैं।

महाधर्मप्रान्त में अधिकारों के उल्लंघन की निगरानी रखने वाले काथलिक पुरोहित फादर दिबाकर पारिच्छा ने कहा कि सुबरना दिगाल को दहन क्रिया से वंचित किया जाना इस बात का प्रमाण है कि हिन्दु चरमपंथी दलितों एवं आदिवासियों में फूट पैदा करना चाहते हैं। ज़िला प्रशासन का उन्होंने आह्वान किया वह इस प्रकार के मानवाधिकार हनन की घटनाओं को रोके।
 







All the contents on this site are copyrighted ©.