ईराक के ख्रीस्तीयों के विरुद्ध अनवरत जारी हिंसा के कारण, देश के कई हिस्सों में, क्रिसमस
के उपलक्ष्य में, मध्यरात्रि के ख्रीस्तयाग समारोह को रद्द कर दिया गया है तथा त्यौहार
मनाने के बजाय ख्रीस्तीय गिरजाघरों में सादगी अपनाई जा रही है।
किरकूक के महाधर्माध्यक्ष
लूईस साको ने एशिया समाचार को बताया कि सुरक्षा की चिन्ताओं की वजह से बगदाद, मोसुल तथा
किरकूक में ख्रीस्तजयन्ती की पूर्व सन्ध्या किसी भी समारोह का आयोजन नहीं किया गया है
तथा मध्यरात्रि का ख्रीस्तयाग समारोह रद्द कर दिया गया है।
महाधर्माध्यक्ष साको
ने यह भी बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही गिरजाघरों को सजाया नहीं जायेगा
तथा पूर्ण सादगी के साथ दिन के उजाले में ख्रीस्तयाग समारोह सम्पन्न किये जायेंगे।
महाधर्माध्यक्ष
साको ने कहा कि 31 अक्टबूर को, बगदाद के, सिरियाई काथलिक महागिरजाघर हुए हमले तथा हत्याकाण्ड
और साथ ही अनवरत जारी हिंसा से ईराक के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों में शोक समा गया है।
उन्होंने शिकायत की कि ख्रीस्तीयों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु सरकार कुछ नहीं
कर रही है। उन्होंने कहा, "जहाँ तक ख्रीस्तीयों को सुरक्षा प्रदान करने का सवाल है सरकार
से कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती क्योंकि राजनीतिज्ञ अपने अपने नये प्रशासनों के गठन में
संलग्न हैं।"
इन सबके बावजूद महाधर्माध्यक्ष साको ने कहा, "क्रिसमस आशा का सन्देश
लाता है।" उन्होंने कहा, "हमारे लिये ईराक में क्रिसमस, आशा और आनन्द के काल के साथ साथ
कष्ट और शहादत का समय भी है।"