उड़ीसाः उड़ीसा में हिन्दु चरमपंथियों ने उत्पन्न किया क्रिसमस आतंक
उड़ीसा के कान्धामाल ज़िलें में एक हिन्दु चरमपंथी दल द्वारा क्रिसमस के दिन रैलियों
के आयोजन का ऐलान किये जाने के बाद ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों में भय छा गया है।
सन्
2007 में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के चश्मदीद गवाह, बारखामा गाँव के ख्रीस्तीय युवा कार्तिक
नायक ने ऊका समाचार से कहा कि हिन्दु दल की योजना से ख्रीस्तीय समुदाय आतंकित है।
उस
वर्ष क्रिसमस के दिन हुई हिंसा के दौरान ही खगेश्वर मलिक नामक एक हिन्दु आदिवासी की हत्या
कर दी गई थी तथा ख्रीस्तीयों पर हत्या का आरेप लगाया गया था।
कान्धामाल कुई समाज
नामक हिन्दु चरमपंथी दल के लाम्बोदार कन्हर ने पत्रकारों को बताया कि मलिक की स्मृति
में वे सम्पूर्ण ज़िले में क्रिसमस के दिन रैलियाँ आयोजित करेंगे।
स्थानीय ख्रीस्तीयों
का कहना है कि हिन्दु चरमपंथी विगत दिनों बैठकें करते रहे हैं तथा स्मृति दिवस मनाने
के लिये लोगों में परचियाँ बाँटते रहे हैं।
ख्रीस्तीय युवा कार्तिक के अनुसार
एक गिरजाघर को ध्वस्त करते समय मलिक घायल हो गया था जिसे हिन्दु चरमपंथियों ने अस्पताल
पहुँचाया था, बाद में संदिग्ध परिस्थिति में उसकी मृत्यु हो गई जिसका दोष ख्रीस्तीयों
पर मढ़ दिया गया।
कान्धामाल सरवाईवर्ज़ एसोसियेशन के बिप्रा चरण नायक ने कहा
कि चरमपंथी लाम्बोदार कन्हर ने सन् 2007 के क्रिसमस के दौरान आम हड़ताल का आह्वान किया
था और उसी के बाद हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में तीन ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की हत्या
हो गई थी तथा 715 मकानों एवं 115 गिरजाघरों, ख्रीस्तीय आश्रमों तथा चिकित्सालयों को आग
के हवाले कर दिया गया था।
ख्रीस्तीयों ने उड़ीसा प्रशासन का आह्वान किया
है कि वह क्रिसमस के दौरान राज्य के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की सुरक्षा का आश्वासन
प्रदान करे।