इन्दौरः इस वर्ष क्रिसमस पर सान्ता क्लॉज़ ने बदला रंग
प्रभु येसु ख्रीस्त की जयन्ती के उपलक्ष्य में इस वर्ष इन्दौर धर्मप्रान्त के युवाओं
ने परम्परा से हटकर सान्ता क्लॉज़ की प्रस्तावना की।
क्रिसमस महापर्व पर भलाई
के प्रतीक रूप में सदियों से लाल कपड़े पहने सान्ता क्लोज़ को प्रस्तुत किया जाता रहा
है। किन्तु इस वर्ष, 19 दिसम्बर को इन्दौर धर्मप्रान्त के लगभग 150 युवाओं ने हरे रंग
के सान्ता क्लॉज़ परिधान धारण कर पर्यावरण के प्रति चेतना जगाई तथा प्रेम और शांति से
भरा क्रिसमस सन्देश प्रसारित किया।
इस सन्दर्भ में धर्माध्यक्ष चाको थोटूमारीकल
ने ऊका समाचार से कहा, "मानवजाति द्वारा पर्यावरण को पहुँचाई गई क्षति के प्रति विश्वव्यापी
चिन्ता को अभिव्यक्ति प्रदान करना हरे रंग का उद्देश्य था।"
उन्होंने कहा कि
शांति के साथ साथ पर्यावरण के प्रति सम्मान का सन्देश वास्तव में सृष्टि के प्रति लोगों
में चेतना जागृत करेगा।
काथलिक युवाओं की रैली को देखनेवाले नवीन महेश ने कहा
कि काथलिक युवा ज़िम्मेदारी के साथ क्रिसमस मनाना चाहते हैं जो बहुत सराहनीय बात है।
इसी प्रकार शंकर मेहता ने कहा कि सामान्य तौर पर सान्ता क्लॉज़ रंगरलियाँ मनाने का प्रतीक
होते हैं किन्तु आज उन्होंने एक विश्वव्यापी प्रश्न को उठाया है। प्रणय शर्मा का कहना
था कि सान्ता क्लॉज़ को देखना एक रुचिकर तथ्य हुआ करता था किन्तु आज उन्होंने एक ऐसा
सन्देश छोड़ा है जो हम सब को प्रभावित करता है।
इन्दौर युवा समिति के अध्यक्ष
फादर जोबी आनन्द ने उक्त रैली का लक्ष्य स्पष्ट करते हुए कहा कि सृष्टि की रक्षा करना
हम सब का सामूहिक दायित्व है।