येसु मानव के लिए एक निश्चित ईश्वरीय शब्द हैं – संत पापा
रोम, 18 दिसंबर, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि येसु मानव के
लिए एक निश्चित ईश्वरीय शब्द हैं जिन्होंने ईश्वर के सच्चे रूप को प्रकट किया है।
संत
पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने मंगलवार 14 दिसंबर को संत जोन द क्रोस (1567-1622)
के पर्व दिवस पर ‘मातेर एकलेसिया’ मठ में यूखरिस्तीय बलिदान के समय उपदेश दिया।
‘लोसेर्भातोरे
रोमानो’ के अनुसार ने क्रूस के संत जोन को पास्का रहस्य का संत कहा।
संत पापा
क्रूस के संत जोन को एक ऐसा संत मानते हैं जिन्होंने क्रूस के रहस्य को ठीक से समझा था।
जोन के लिये येसु के क्रूस में प्रेम के रहस्य को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
जोन
का मानना था कि ईश्वर ने अपने पुत्र येसु मसीह के द्वारा ही अपने आपको दिया और अपने को
प्रकट किया।
विदित हो कि मातेर एकलेसियाए मठ वाटिकन सिटी के अंदर अवस्थित है जिसकी
स्थापना संत पापा जोन पौल द्वितीय ने सन् 1944 ईस्वी में की थी। इसकी विशेषता है कि इसमें
पाँच सालों के लिये किसी एक मठवासी महिला धर्मसमाजियों को दिया जाता है जो परमधर्मपीठीय
क्रियाकलापों और रोमन कूरिया के कार्यों में अपनी सेवायें दिया करते हैं।
इन
दिनों जो मठवासी धर्मबहनें अपनी सेवायें दे रहें हैं उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ हॉली मेरी’ के
नाम से जाना जाता है जिनके संस्थापक संत फ्रांसिस डे सेल्स और संत जेन फ्रांचेस ऑफ चन्ताल
हैं।
यह वर्ष ऑर्डर ऑफ हॉली मेरी धर्मसमाज की स्थापना 400 वाँ वर्ष है।
इस
अवसर मठ की सुपीरियर सिस्टर मरिया बेगोना सान्चो ने संत पापा के लिये एक चाँदी की क्रूस
जिसमें संत फांसिस डे सेल्स के अवशेष हैं।
इसके साथ चार सौ आल्ब छः सौ पियुराफिकेटर
नौ सौ रोजरीमाला दो हज़ार आठ सौ पवित्र ह्रदय का स्कपुलर और फांसिस डे सेल्स के जीवन
पर आधारित किताबों की चार सौ प्रतियाँ दीं।