2010-12-16 18:25:34

आदिवासी सिस्टर लीना के प्रयासों से गाँव को विशुद्ध जल की आपूर्ति


खंडवा, 16 दिसंबर, 2010 (उकान) मध्यप्रदेश के खंडवा धर्मप्रांत के सिस्टर्स ऑफ जोसेफ की आदिवासी सिस्टर लीना के प्रयासों से स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में विशुद्ध जल आपूर्ति करना आरंभ किया है।
सिस्टर लीना ने प्रशासन को बताया था कि जो जल की आपूर्ति क्षेत्र में की जा रही है वह शुद्ध नहीं है उसमें फ्लोरिन मिश्रित है जो लोगों की हड्डी पर घातक असर कर रहा है। उन्होंने बताया कि गाँव में कई लोगों के हाथ पैर टेढ़े हो गये हैं और उसके दर्द से लोग पीड़ित हैं।
उन्होंने बताया कि अपने स्वास्थ्य सेवा अभियान के तहत् जब उसने कई गाँवों का दौरा किया तो पाअनेक पीड़ितों से मुलाक़ात की तब उसने उन्हें स्थानीय चिकित्सक के पास लिया और उन्होंने बताया कि पानी में फ्लोरिन की मात्रा ज़्यादा होने के कारण इसका असर उनकी हड्डी पर पड़ा है।
विदित हो कि लोग उस चपाकल से पानी पीते थे जिसे वर्षों पहले बनवाया गया था और उसके जल शुद्ध नहीं था।
सिस्टर लीना के सूचना के आधार पर चपाकल के जल का परीक्षण किया गया और बाद में इस पीने योग्य नहीं पाने में सील कर दिया गया है।
डॉ विजय शर्मा ने बताया कि फ्लोरिन मिश्रित जल से व्यक्ति का न केवल हड्डी वरन दाँत हड्डियों, नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करता है।
सरकार ने गाँव वालों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था कर दिया है। गाँव के एक व्यक्ति मतरीबाई ने कहा कि सिस्टर लीना ने अनेक लोगों की जान बचायी है।








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